कैमूर जिले के मोहनिया के एसडीओ डॉ. जितेंद्र गुप्ता को रिश्वत कांड मामले में पटना हाइकोर्ट ने राहत दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में रिश्वत लेने के आरोप में दायर एफआइआर को रद्द करने का आदेश दिया है। आइएएस अधिकारी डॉ. जितेंद्र गुप्ता की याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी ने सुनवाई की थी और फैसला सुरक्षित रखा था। आज कोर्ट ने इस मामले में प्राथमिकी को रद्द करने का फैसला सुनाया। जानकारी के मुताबिक इसी साल जुलाई महीने में उन पर ट्रक ड्राइवर से अपने वाहन के ड्राइवर के माध्यम से घुस लेने का आरोप लगा था।
आरोप लगने के बाद निगरानी विभाग ने उन पर प्राथमिकी दर्ज की थी। पटना हाइकोर्ट ने आज प्राथमिकी रद्द कर दी। जितेंद्र गुप्ता जेल में थे तो हाइकोर्ट में अपील के बाद उन्हें जमानत मिल गयी थी। बताया जा रहा है कि जितेंद्र गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद आइएएस लॉबी काफी सक्रिय हो गयी थी और एसोसिएशन ने आरोप लगाया था कि गुप्ता की गिरफ्तारी बिना पुख्ता प्रमाण के की गयी है।