देश के 20 भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) को अधिक स्वायत्तता तथा छात्रों को डिग्री प्रदान करने का अधिकार देने वाले विधेयक को मंत्रिमंडल ने आज मंजूरी दे दी। इस विधेयक के पारित होने से ये संस्थान भी आईआईटी की तरह राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थान हो जायेंगे। इस विधेयक से इन संस्थानों को अपने अध्यक्ष एवं निदेशक नियुक्त करने का अधिकार भी मिल जायेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल की बैठक में आईआईएम 2017 विधेयक को मंजूरी दी गयी। संसद के आगामी बज़ट सत्र में इस विधेयक को पेश किया जायेगा और पारित होने के बाद नए शैक्षणिक सत्र से छात्रों को डिग्री मिल सकेगी। देश में आईआईएम को अधिक स्वायत्तता प्रदान करने की मांग काफी दिन से उठ रही थी जिसे देखते हुए सरकार ने नया विधेयक लाकर इन संस्थानों को मजबूत बनाने का फैसला किया। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल ने वर्ष 1961 में कोलकाता तथा अहमदाबाद में आईआईएम की स्थापना की थी। उसके बाद बेंगलुरु, लखनऊ, कोझिकोड और इंदौर में आईआईएम खुले, फिर शिलांग, रांची, रायपुर, काशीपुर, उदयपुर समेत कई अन्य शहरों में भी समय-समय पर आईआईएम खोले गए। पिछले साल मोदी सरकार ने छह नए आईआईएम खोले। इस वर्ष जम्मू में भी आईआईएम खोला गया, जिसे मिलाकर इनकी संख्या बढ़कर 20 हो गयी।
नोटबंदी के कारण किसानों को हुई दिक्कतों के मद्देनजर विपक्ष के निशाने पर आई सरकार ने सहकारी बैंकों से लघु अवधि का ऋण लेने वाले किसानों के गत वर्ष नवम्बर और दिसम्बर के ऋण माफ करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड को भी रिण पर वित्तीय मदद का प्रावधान किया गया है।