रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ जमीन सौदा धोखाधड़ी का खुलासा करने वाले आईएएस अफसर अशोक खेमका का कहना है कि आपको कार्रवाई करनी है, तो नैतिकता ऊपर स़े़ से शुरू होनी चाहिए.
सीएनएन-आईबीएन के डेविल्स एडवोकेट कार्यक्रम में खेमका ने करन थापर से बातचीत में कहा कि नीचे के लोगों पर कार्रवाई करना काफी आसान होता है, पर बात जब ऊंचे दर्जे की आती है तो धोखे को धोखा कहने के लिए साहस और हिम्मत की जरूरत होती है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वड्रा से जुड़े गुड़गांव के विवादित जमीन करार में अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने कहा है कि नैतिकता का तकाजा होता है कि शुरुआत ऊपर से हो और इसके लिए साहस और हिम्मत की जरूरत होती है.
खेमका से पूछा गया था कि क्या उन्होंने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि वह जानते थे कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के दामाद को निशाना बना रहे हैं और इससे उनका करियर बन जाएगा. पिछले साल अक्टूबर में वड्रा और रियल इस्टेट क्षेत्र की दिग्गज कंपनी डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड के बीच हुए जमीन के दाखिल-खारिज से जुड़े करार को रद्द कर दिया था.
लेकिन इसके बाद खेमका को रेजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट से तबादला कर दिया गया था. बाद में राज्य सरकार ने इस सौदे को जायज ठहरा दिया था.