2012 विधानसभा चुनावों में बस्ती कमिश्नर अनुराग श्रीवास्तव और सिद्धार्थनगर एसपी मोहित गुप्ता विवाद में की गयी संस्तुतियां उत्तर प्रदेश शासन द्वारा ठन्डे बस्ते में डाल दी गयीं.
इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने गृह विभाग से आरटीआई के तहत जानकारी मांगी. इसके अनुसार इस सम्बन्ध में आईएएस अफसर वी एन गर्ग और आईपीएस ए के गुप्ता की दो सदस्यीय जांच दल ने कई संस्तुतियां की थी. इनमे अनुराग श्रीवास्तव से स्पष्टीकरण मांगा गया था. इसके अलावा सिद्धार्थनगर की डीएम चैत्रा वी और एसपी मोहित गुप्ता के बीच तालमेल की अत्यधिक कमी पूरी तरह सिद्ध हो गयी थी. इसके कारण अलग से जांच समिति बना कर इनकी जिम्मेदारी तय करने की संस्तुति की गयी थी.
ध्यान रहे कि अनुराग श्रीवास्तव के ऊपर आरोप लगा था कि उन्होंने अपने से जूनियर आईपीएस मोहित गुप्ता के साथ दुर्व्यवहार किया था. मोहित गुप्ता 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं.
साथ ही बेहतर गवर्नेंस के लिए जिलों के डीएम और एसपी के बीच बेहतर तालमेल की विशेष जरूरत होने के कारण शासन स्तर पर सकारात्मक नीतिगत निर्णय लिए जाने की संस्तुति की गयी थी.
तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने जांच समिति के इन प्रस्तावों को अनुमोदित किया था. लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद यूपी का निजाम बदल गया. और शागयद उसी का नतीजा है कि नयी सरकार ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. अब तो हालत यह कि इस मामले को पूरी तरह भुला दिया गया है.
जिसका नतीजा यह हुआ कि डीएम और एसपी के बीच तालमेल के एक बेहतरीन प्रयास वहीँ समाप्त हो गया.