आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन पर बढ़ते राजनीतिक दबाव मीडिया की सजगता के बाद अब कयास लगाया जा रहा है कि यूपी सरकार नागपाल का निलंबन वापस ले सकती है.
ध्यान रहे कि नोएडा की एसडीएम दुर्गाशक्ति नागपाल को गौतम बुद्ध नगर सदर तहसील के रबुपुरा क्षेत्र स्थित कादलपुर गांव में एक निर्माणीधीन मस्जिद की दीवार को अदूरदर्शितापूर्ण तरीके गिरवाने के कारण साम्प्रदायिक सौहार्द प्रभावित होने के आरोप में 27 जुलाई को निलम्बित कर दिया गय था.
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इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी.इसके अलावा आईएएस एसोसिएशन ने भी इस निलंबन पर सवाल उठाये थे.
नियम के मुताबिक राज्य सरकार को 15 दिनों के भीतर केंद्र के समक्ष निलंबन के कारणों का ब्योरा देना होगा. और राज्य सरकार को 45 दिनों के भीतर चार्जशीट भी दायर करनी होगी.इसके बाद दुर्गा शक्ति को यह कानूनी अधिकार है कि, वह निलंबन के 45 दिनों के भीतर अपने निलंबन के खिलाफ अपील कर सकें.
हालांकि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नोएडा की उपजिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलम्बन की कार्रवाई को सही करार देते कहा था कि जो भी अधिकारी गैरजिम्मेदाराना तरीके से काम करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
हालांकि अब माना जा रहा है कि राज्य सरकार निलंबन को वापस लेने पर गंभीरता से विचार कर रही है.
दुर्गा शक्ति ने हाल के दिनों में नोएडा में यमुना और हिन्डन नदी के तटवर्ती इलाकों में चल रहे अवैध खनन के विरुद्ध अभियान चला रखा था और अवैध खनन के मामले में लगभग दो दर्जन प्राथमिकियां दर्ज करवायी थीं.विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि दुर्गा शक्ति का निलम्बन सत्तारूढ़ दल से जुड़े अवैध खनन माफियाओं के दबाव में किया गया है.