सुप्रीम कोर्ट ने दुर्गशक्ति के निलंबन संबंधी याचिका को सुनवाई से यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अगर नगपाल खुद याचिका दाखिल करें तो अदालत इसको देख सकती है.
यह जनहित याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दायर की थी. इस याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए गए आईएएस दुर्गा के निलंबन और उनके खिलाफ की गई समस्त कार्रवाई को निरस्त करने की अपील की गई थी.
इस याचिका में मनोहर लाल शर्मा ने उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को प्रतिवादी बनाया था.याचिका के अनुसार भारतीय प्रशासनिक सेवा की इस आईएएस अधिकारी के खिलाफ की गई कार्रवाई को राज्य सरकार की मनमानी और असंवैधानिक बताया था.
न्यायमूर्ति एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने जनहित याचिका दायर करने वाले वकील मनोहर लाल शर्मा की स्थिति पर सवाल करते हुये कहा कि यदि वह (नागपाल) खुद याचिका दायर करेंगी, तो न्यायालय इस पर विचार कर सकता है.
न्यायाधीशों ने कहा कि यह अधिकारी खुद अपना मामला देख सकती हैं और इस निलंबन आदेश के खिलाफ वह खुद अदालत में याचिका दायर कर सकती हैं.
गौरतलब है कि एसडीएम पद पर तैनात दुर्गा शक्ति नागपाल ने जिले में रेत माफिया के खिलाफ अभियान चला रखा था, जिसके चलते उन्हें निलंबित कर दिया गया था।