यूपीएससी की परीक्षा में गैर अंग्रेजी भाषी छात्रों के आंदोलन के सामने केंद्र सरकार को झुकना पड़ा है. केंद्र ने यूपीएससी से कहा है कि छात्रों के मुद्दे का समाधान निकालने के बाद ही परीक्षा आयोजित करे.
सरकार के इस निर्देश के बाद यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा जो 24 अगस्त को होनी थी, उसे स्थगित किया जा सकता है. हालांकि कुछ सूत्रों का कहना है कि अगर इससे पहले समाधान निकाल दिया गया तो परीक्षा की तिथि नहीं भी बदल सकती है.
दर असल यूपीएससी ने दो साल पहले सीसैट पद्धि लागू की थी. इससे अंग्रेजी माध्ययम के छात्रों को लाभ हो रहा था और हिंदी या दीगर भारतीय भाषाओं के छात्रों को नुकसान हो रहा था., सीसैट लागू होने के पहले हिंदी माध्यम छात्र 11 प्रतिशत तक चयनित होते थे जबकि अब यह प्रतिशत गिर कर महज 3 प्रतिशत ही रहा गया था. इसलिए इसके खिलाफ छात्रों ने आंदोलन शुरू कर दिया था.
कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्री जितेन्द्र सिंह ने बताया कि हमने यूपीएससी से कहा है कि वह छात्रों द्वारा उठाए गए मुद्दों का हल ढूंढ़ें. दरअसल, परीक्षा की नई पद्धति पर हिंदी भाषी प्रदेशों के छात्रों ने कड़ी आपत्ति जताई है. छात्रों ने इस मुद्दे पर एक महीने से व्यापक अभियान छेड़ रखा है.
इस संबंध में यूपीएससी से पूछे जाने पर बताया गया कि अभी कोई कदम नहीं उठाया गया है। मगर सरकार से बातचीत के बाद जल्द इस मामले का हल खोजा जाएगा।
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