पूर्व गृहसचिव आरके सिंह के बाद अब खबर है कि आईएएस पंचम लाल व हाल ही में स्वैच्छिक सेवानिवत्ति लेने वाले केपी रामय्या भी चुनावी मैदान में कूदेंगे.
पंचम लाल के बारे में कहा जा रहा है कि वह गोपालंगज या सासाराम से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं जबकि रामय्या मगध की धरती की तलाश में हैं. ध्यान रहे कि रामय्या मगध रेंज के दो बार कमिशनर रह चुके हैं और उन्हें भरोसा है कि वहां के लोगों पर उनका खासा प्रभाव है.
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रिटायरमेंट के बाद अनेक नौकरशाहों ने चुनावी राजनीति का रास्ता चुना . इनमें कई खासी कामयाब रहे तो कुछ ऐसे भी हैं जो राजनीति की पेचीदगियों में गुम हो कर रह गये. संयुक्त बिहार के पूर्व नौकरशाह यशवंत सिन्हा उन नौकरशाहों में से हैं जो न सिर्फ चुनावी राजनीति में सक्रिय हुए बल्कि कई सालों तक कैबनिनेट मंत्री भी रहे. वहीं ऐसे कई नौकरशाह हैं जिन्हों ने अफसरी के दौरान काफी शोहरत हासिल की पर राजनीति में आकर गुमना हो कर रह गये.
बिहार के पूर्व डीजीपी डीपी ओझा उन नौकरशाहों में थे जिन्होंने बिहार के आला पुलिस अधिकारी रहते काफी शोहरत कमाई पर राजनित में आना उनके लिए महंगा पड़ा. वह लोकसभा चुनाव नहीं जीत सके और न ही किसी राजनीतिक दल में सांगठनिक जिम्मेदारियों को हासिल कर सके.
हाल के कुछ महीनों में आरके सिंह जो कुछ महीने तक गृहसचिव थे , भाजपा में सामिल हो गये हैं और चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. इसी तरह पूर्व पेट्रोलियम सचिव एसके पांडेय भी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. पांडेय नागालैंड कैडर के आईएएस हैं लेकिन बिहार के निवासी हैं.