बिहार की मांझी सरकार ने आईएएस सीके अनिल को प्रशासनिक वनवास से कुछ राहत दिया है. उन्हें बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग का विशेष कार्यपदाधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
नौकरशाही डेस्क
फिलहाल अनिल बिहार राज्य योजना पर्षद के परामर्शी हैं. 1991 बैच के आईएएस अफसर अनिल का विवादों के संग चोली-दामन का साथ रहा है.
उन्हें पिछले वर्ष एक मामले में अदालत ने वारंट भी जारी किया था.
नवम्बर 2012 में सीके अनिल बिस्कोमान के प्रबंद निदेशक रहते हुए बिस्कोमान के तत्कालीन अध्यक्ष सुनिल कुमार सिंह पर तीन लाख रुपये बकाया रखने के कारण चुनाव के अयोग्य घोषित करने की मांग की थी. तब बिस्कोमान का चुनाव हो रहा था. यह विवाद जब काफी बढ़ गया तो उन्हें चुनावी काम से हटाने का फरमान जारी कर दिया गया.
अनिल आम तौर पर किसी भी सरकार के गुड बुक में नहीं रहे. लालू- राबड़ी सरकार में हालांकि उन्हें कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गयी पर वह तब भी विवादों में आ गये. इसके बाद नीतीश सरकार में भी वह विवादों में रहे.
सीके अनिल सीवान के डीएम भी रह चुके हैं. उस दौरान सीके अनिल सीवान के तत्कालीन सासंद मोहम्मद शहाबुद्दीन के साथ हुए विवादों के समय प्रकाश में आये थे. 2005-6 में अनिल ने शहाबुद्दीन का नाम वोटर लिस्ट से खारिज कर दिया था.इतना ही नहीं अनिल ने शहाबुद्दीन को जिला बदर करने का आदेश भी दिया था.