अरविंद केजरीवाल द्वारा आईपीएस प्रवीर रंजन को भ्रष्टाचार विरोधी इकाई का प्रमुख नियुक्त किये जाने के बाद उन्होंने इस पद पर काम करने से इनकार कर दिया है.
रंजन 1993 बैच के अरुणाचल प्रदेश-गोवा कैडर के आईपीएस हैं.
रंजन के इस फसले से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम को बड़ा झटका लगा है. इतना ही नहीं रंजन ने गृहमंत्रालय से आग्रह किया है कि उन्हें दिल्ली पुलिस से रिलिव कर दिया जाये और उन्हें पांडिचेरी में इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के ओहदे पर भेज दिया जाये.
रंजन को पिछले महीने ही पांडिचेरी ट्रास्फर किया गया था. इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार गृहमंत्रालय ने उनके आग्रह को स्वीकार कर लिया है.
इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण पेंच यह है कि भ्रष्टाचार विरोधी इकाई( एसीबी) के लिए नियुक्त किये जाने के बावजूद उन्हें उस पद पर पोस्टिंग दिये जाने का कभी आदेश निर्गत ही नहीं किया गया.
गृहमंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि रंजन के विचारों से मुख्यमंत्र केजरीवाल को उप राज्यपाल नजबी जंग ने अवगत करा दिया है.
ध्यान रहे कि एसीबी में पोस्टिंग दिये जाने पर इससे पहले भी कई आईपीएस अधिकारियों ने काम करने से यह कहते हुए मना कर दिया है कि केजरीवाल स्पीडी ट्रायल के नाम पर कई अव्यवहारिक दृष्टिकोण रखते हैं जिस पर अमल करना संभव नहीं है.
इससे पहले दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिशनर बीके गुप्ता ने भी एसीबी में काम करने से मना कर दिया था.
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