दैनिक भास्कर की पटना में शुरूआत के महज चार दिन पहले विनायक विजेता के भास्कर से जुड़ने की खबर है. वह अपराध और नौकरशाही से जुड़ी खबरों के प्रखर पत्रकार माने जाते हैं.

विनायक विजेता: पत्रकारिता की नयी पारी
विनायक विजेता: पत्रकारिता की नयी पारी

पटना से भास्कर का पहला अंक 19 जनवरी को आ रहा है.

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विनायक विजेता ने पिछले आठ-दस महीने में नौकरशाही डॉट इन के लिए काफी योगदान किया है. इसके लिए नौकरशाही डॉट इन उनका आभारी है और उनको पत्रकारिता की नयी पारी के लिए शुभकामना देती है.

पिछले छह महीने से भास्कर का प्रकाशन, पटना से शुरू होने की खबरें बड़ी सरगरमी से पढ़ी-सुनी जाती रही हैं. भास्कर ने हिंदुस्तान और प्रभात खबर के पत्रकारों को तोड़ कर अपने यहां लाने में सफलता हासिल की है.

कोई दो महीने से दर्जनों पत्रकार भास्कर को अपनी सेवा दे रहे हैं. लेकिन विनायक विजेता का भास्कर से जुड़ना काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. हालांकि कुछ लोग यह सवाल जरूर कर रहे हैं कि विनायक को भास्कर टीम का हिस्सा बनाने में भास्कर प्रबंधन ने देर क्यों की?

खैर जो भी हो भास्कर का पटना से प्रकाशन शुरू होना जहां प्रतिद्वंद्वी अखबारों क लिए बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है वहीं यह खुद भास्कर के लिए भी चैलेंज हैं क्योंकि भास्कर ने अपने विज्ञापनों में जिस तरह की आक्रमकता दिखायी है उसमें उसने एक गुणवत्तापूर्ण और निष्पक्ष पत्रकारिता करने का ऐलान किया है. अब देखना है भास्कर अपने वचन पर कितना खरा उतरता है.

वैसे सुरेंद्र किशोर जैसे वरिष्ठ पत्रकार के अनुभव और प्रमोद मुकेश के सम्पादकीय नेतृत्व से पाठकों को काफी उम्मीदें हैं. जबकि दूसरी तरफ आलोक चंद्र, विनय झा, इंद्रभूषण, अतुल उपाध्याय, विजय कुमार, नीतीश सोनी, अमलेंदु अस्थाना, मोहम्मद सिकंदर जैसे युवा पत्रकारों की बैलेंस टीम भी अच्छा करेगी, ऐसी उम्मीद है.

By Editor

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