आयकर विभाग द्वारा जारी छापेमारी के दौरान राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पहली बार अपना पक्ष ट्वीटर के जरिए रखा है. लालू ने अपने ट्वीट में लिखा है कि BJP को नए Alliance partners मुबारक हों. लालू प्रसाद झुकने और डरने वाला नहीं है. जब तक आख़िरी साँस हैं फासीवादी ताक़तों के ख़िलाफ़ लड़ता रहूंगा.
नौकरशाही डेस्क
लालू प्रसाद ने अपने दूसरे ट्वीट में भाजपा पर उनकी आवाज दबाने का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा कि BJP में हिम्मत नहीं कि लालू की आवाज को दबा सके. लालू की आवाज दबाएंगे तो देशभर मे करोड़ो लालू खड़े हो जाएंगे. मै गीदड़ भभकी से डरने वाला नही हूं. वही, राजद प्रमुख ने मीडिया को भी लताड़ा . लिखा – अरे पढ़े-लिखे अनपढों, ये तो बताओ कौन से 22 ठिकानों पर छापेमारी हुई. BJP समर्थित मीडिया और उसके सहयोगी घटकों (सरकारी तोतों) से लालू नही डरता.
लालू प्रसाद ने लिखा कि RSS-BJP को लालू के नाम से कंपकंपी छूटती है. इनको पता है कि लालू इनके झूठ, लूट और जुमलों के कारोबार को ध्वस्त कर रहा है, तो दबाव बनाओ. उन्होंने कहा कि ज़्यादा लार मत टपकाओ. गठबंधन अटूट है. अभी तो समान विचारधारा के और दलो को साथ जोड़ना है. मै BJP के सरकारी तंत्र और सरकारी सहयोगियो से नही डरता.
ध्यान रहे है कि लालू प्रसाद यादव शुरू से ही फासीवादी और सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने 90 के दशक में भाजपा के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी का रोथ रोका था. तब वे बिहार के मुख्यमंत्री हुआ करते थे. तब लालू प्रसाद ने ये भी कहा था कि देशहित में अगर इंसान ही नहीं रहेगा तो मंदिर में घंटी कौन बजाएगा? इंसान ही नहीं बचेगा तो मस्जिद में इबादत करने कौन जायेगा?
उन्होंने तब भी ये कहा था कि जितनी कीमत एक प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की है उतनी ही कीमत एक आम आदमी की भी है, हम अपने राज में दंगा फसाद फैलने नहीं देंगे. इसके अलावा भी लालू प्रसाद ने कई मोर्चों पर सांप्रदायिता के खिलाफ भाजपा और आरएसएस को निशाना बनाया. इसके बाद से ही भाजपा लालू प्रसाद यादव पर हमलावार रूख अख्तियार करती रही है. एक बार फिर लालू यादव ने 27 अगस्त को सांप्रदायिकता के खिलाफ रैली करने की घोषणा की है. इस बाबत राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद ने कहा कि भाजपा को इस रैली से खतरा महसूस हो रहा है, इसलिए इसे टालने के लिए उन्होंने इस तरह की कार्रवाई को अंजाम दिया है.