भाजपा के नवादा के सांसद गिरिराज सिंह ने पटना पुलिस के समक्ष बयान दर्ज कराते हुए कहा है कि बरामद रुपये उनके भाई का है. उधर विपक्षियों ने इसे काला धन करार देते हुए उनकी सद्सयता रद्द करने की मांग की है.
पिछले एक हफ्ते से चुप्पी साधे गिरिराज सिंह शुक्रवार को दिल्ली से पटना पहुंचे और अपने भतीजे राकेश के साथ श्रीकृष्णापुरी थाना पहुंच कर बयान दर्ज कराया है.
ध्यान रहे कि गिरिराज सिंह के घर से पिछले दिनों चोरी हो गयी थी और उनके रिश्तेदारों ने महज पचास हजार रुपये की चोरी की बात बतायी लेकिन जब पुलिस ने दबिश दिया और चोरों को पैसों के साथ पकड़ा तो यह राशि 1.14 करोड़ निकली. साथ ही 600 अमेरिकी डॉलर और जेवरात भी मिले.
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इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले मार्च में लोकसभा चुनाव के लिए शपथ पत्र में गिरिराज सिंह ने जितने पैसे होने की बात बतायी है उससे यह राशि 20 गुनी ज्यादा है. ऐसे में विपक्षी पार्टिओं ने इस मामले पर अपना विरोध शुरू कर दिया है। जदयू विधायक मंजीत सिंह ने मोदी पर हमलावर अंदाज में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो लोकसभा चुनाव के समय काले धन को लेकर बड़ी बुलंद आवाज में बात कर रहे थे अब उन्हें अपनी पार्टी के सांसद पर कार्यवाही का साहस दिखाना चाहिए. उधर पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस से अनुरोध किया है को वह इस मामले की जांच शीघ्र करे.
उधर वह टेम्पू ड्राइवर जिसके टेम्पू पर रुपये लेकर चोर हीजीपुर की तरफ भाग रहे थे, वह सरकारी गवाह बन गया है.अब पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि गिरिराज सिंह के पास इतने पैसे आए कहां से। जिसे लेकर गिरिराज विवादों में घिरते दिख रहे हैं.
उधर जदयू के विधायक दाऊद अली ने मांग की है कि गिरिरिजा सिंह के खिलाफ राज्य सरकार भ्रष्टाचार विरोधि अधिनियम के तहत कार्रवाई करे और उनकी सम्पत्ति को जब्त करते हुए उनके मकान में स्कूल खोले. दाऊद ने यह मांग इस आधार पर की है कि राज्य सरकार ने कुछ साल पहले भ्रष्टाचार विरोधि अधिनियम में संशोधन कर भ्रष्टाचारियों के घर में स्कूल खोलने का कानून बनाया था. इसके तहत दो-तीन नौकरशाहों के घरों में स्कूल खोले जा चुके हैं.
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