साध्वी प्राची ने इस बार महात्मा गांधी और इंदिरा गांधी को भी नहीं बख्शा है. सोचने की बात है कि आजम खान के खिलाफ फेसबुक पर टिप्पणी करने वाले नाबालिग को जेल में डालने वाली सरकार क्या प्राची के खिलाफ कुछ कार्रवाई करेगी?
साध्वी प्राची ने फिर से विवादित बयान देते हुए महात्मा गांधी और इंदिरा गांधी का अपमान किया है. इस क्रम में प्राची ने महात्मा गांधी को अंग्रेजों का एजेंट वहीं इंदिरा गांधी के बारे में उन्होंने कहा है कि उन्होंने संतों पर गोलियां चलवाई थीं. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि संतों का अपमान करने वाले की मौत अच्छी नहीं होती.
देश के राष्ट्र पिता और पूर्व पीएम इंदिरा ने अपनी जानें देश के लिए कुर्बान की पर प्राची ने बापू को अंग्रेजों का एजेट कह कर उन्हें अपमानित किया. इतना ही नहीं 1984 में शहीद हुई इंदिरा के बारे में जो अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी प्राची ने की है वह देश की सांस्कृतिक विरासत का भी अपमान है. औसी फूहड़ टिप्पणी प्रची क कुंठित मानसिकता को दर्शाती है.
याद रखने की बात है कि बहराइच के इसी कार्यक्रम में प्राची ने एक समुदाय विशेष पर भी टिप्पणी की.
प्राची की घृणा फैलानी वाली यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जब उत्तर प्रदेश के रामपुर में ग्यारहवीं के एक छात्र ने वहां के मंत्री आजम खान के खिलाफ फेसबुक पर अशोभनीय टिप्पणी की तो उसे सलाखों में डाल दिया गया. हालांकि यह छात्र अभी व्यस्क भी नहीं है.
ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ने वाला छात्र पते से अभी व्यस्क भी नहीं है. लेकिन अगर मान लिया जाये कि उसकी टिप्पणी घृणा फैलाने वाली है तो प्राची के बयान से देश के दो बड़े नेताओं का अपमान तो हुआ ही है.
लेकिन अखिलेश सरकार प्राची के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी ऐसा शायद ही हो.