आज हस्तिनापुर में होगा भरत मिलाप। वर्षों तक एक-दूसरे के खिलाफ विरोध की राजनीति करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार आमने-सामने होंगे। मौका है गंगा बेसिन अथॉरिटी की बैठक। इसमें पांच राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे।
नौकरशाही ब्यूरो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली गंगा बेसिन अथॉरिटी की बैठक में नीतीश कुमार के साथ उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। औपचारिक रूप से इस बैठक में गंगा को सदानीरा और निर्मल बनाए रखने की कार्ययोजना पर विचार होगा। प्रधानमंत्री गंगा को लेकर केंद्र की योजना रखेंगे, जबकि इस संबंध में मुख्यमंत्री अपनी अपेक्षाओं से प्रधानमंत्री से अवगत कराएंगे।
लेकिन बिहार के संदर्भ में इसका अर्थ प्रशासनिक से ज्यादा राजनीतिक है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी से हद से ज्यादा नफरत करते रहे हैं। एक समय ऐसा भी आया था, जब नीतीश कुमार ने सहयोगी पार्टी भाजपा के नेताओं के लिए आयोजित भोज को कैंसिल कर दिया था। नीतीश ने भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हो रहे नेताओं को भोज पर आमंत्रित किया था। इसमें नरेंद्र मोदी को भी शामिल होना था, इस लिए भोज कैंसिल कर दिया था। इसके बाद से नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की दूरी काफी बढ़ गयी थी।
नयी संभावनाओं की तलाश
लोकसभा चुनाव में पराजय के बाद नीतीश कुमार का इस्तीफा देने की एक वजह यह भी मानी जा रही थी कि वह पीएम मोदी का सामना नहीं करना चाहते थे। लेकिन पिछले दस महीनों में सब कुछ बदल चुका है। सत्ता से हटने का दर्द झेल चुके नीतीश पूरी तरह बदल गये हैं। समय की सच्चाई को समझने लगे हैं। और नरेंद्र मोदी की उपयोगिता भी उन्हें समझ आने लगी है। इसलिए आज की मुलाकात महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इससे जदयू-भाजपा के बीच नये संबंधों की शुरुआत भी मानी जा सकती है। लेकिन परिणाम के लिए इंतजार करना होगा।