महागठबंधन सरकार के शपथग्रहण समारोह में लालकृष्ण आडवाणी को आमंत्रित किये जाने के जद यू द्वारा संकेत दिये जाने पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं.
नौकरशाही डेस्क
लोकतांत्रिक जनपहल के संयोजक सत्य नारायण मदन आडवाणी को आमंत्रित किये जाने के विचार को गठबंधन के रिश्तों के खिलाफ मानते हैं. मदन ने कहा है कि जद यू के राष्ट्रीय प्रवकता केसी त्यागी ने आडवाणी को आमंत्रित करने के विचार को ‘साकारात्मक कदम’ बता कर गठबंधन पर दबाव की राजनीति कर दी है.ऐसे में जद यू को इस मामले में आधिकारिक पक्ष रखना चाहिये.
मदन ने कहा कि अगर त्यागी ने पार्टी लाइन के विपरीत यह बात की है तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिये. गौरतलब है कि केसी त्यागी ने कल एक अखबार को कहा था कि आडवाणी और वाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा से नीतीश कुमार के अच्छे संबंध रहे हैं ऐसे में अगर लालकृष्ण आडवाणी को शपथग्रहण समारोह में बुलाया जाता है तो इसका साकारात्मक संदेश जायेगा.
हालांकि दैनिक भास्कर ने केसी त्यागी के हवाले से लिखा है कि नीतीश कुमार के संकेत पर जद यू का शीर्ष नेतृत्व आडवाणी को आमंत्रित करने के बारे में सोच रहा है. जबकि दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि यह शपथग्रहण समारोह महागठबंधन का है ऐसे में राजद और कांग्रेस आडवाणी की मौजूदगी को स्वीकार करेंगे यह कठिन है.
राजद-कांग्रेस को रास आयेंगे आडवाणी?
ध्यान रखने की बात है कि लालू प्रसाद और कांग्रेस की पूरी राजनीति भाजपा विरोध पर टिकी है ऐसे में ऐसा नहीं लगता कि आडवाणी की मौजूदगी उन दोनों दलों को रास आयेगी. इस मामले में लोक तांत्रिक जन पहल के संयोजक सत्य नारायण मदन कहते हैं देश भर में साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाले लालकृषण आडवाणी की रथ को लालू प्रसाद ने रोका और उन्हें गिऱफ्तार कर लिया. मदन का कहना है कि इस चुनाव के दौरान भी लालू प्रसाद ने कई बार अपने मतदाताओं को बताया था कि आडवाणी का रथ हमने रोका था और फिर हम ही मोदी को भी बिहार में रोकेंगे.
ऐसे में पार्टी स्तर पर आधिकारिक रूप से फिलहाल कोई यह बताने पर आमादा नहीं है कि आडवाणी को बुलावा भेजने पर क्या रुख अपनाया जा रहा है. राजद खेमे में वेट ऐंड वाच की स्थिति है क्योंकि अभी न तो इस मामले पर राजद से और न ही कांग्रेस से बात की गयी है. लेकिन कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जद यू की रणनीति है कि ऐसी खबरों को उछाल कर वह चाहता है कि इसकी प्रतिक्रिया देख ले. क्योंकि आडवाणी न तो भाजपा के संगठन में किसी पद पर हैं और न ही वह बिहार में विरोधी दल के किसी पद ही हैं.
कुछ टीकाकारों का कहना है कि प्रोटोकॉल के तहत शपथग्रहण समारोह में सदन के विपक्षी दल को तो आमंत्रित किया जा सकता है ऐसे में राजद और कांग्रेस को कोई आपत्ति नहीं होगी लेकिन आडवाणी को निमंत्रण देने की बात शायद ही जद यू के घटक दलों को रास आये.