प्रतिबंधित आतंकी संगठन ‘हिजबुल मुजाहिदीन’ के प्रमुख सैयद सलाहउद्दीन को जितना भय भारतीय सेना से नहीं है उससे ज्यादा खौफ अपने सहयोगी रहे आतंकी कयूम नजर व उसके नये संगठन ‘लश्कर-ए-इस्लाम (एलईआई)’ से है।
विनायक विजेता
कभी ‘हिजबुल मुजाहिदीन’ का रिजनल कमांडर और सलाहउद्दीन का विश्वस्त सहयोगी कयूम नजर ने हिजबुल चीफ पर कई तरह के आरोप लगाते हुए संगठन को छोड़ दिया और हिजबुल के ही अपने दर्जनों विश्वस्त सहयोगियों के साथ मिलकर ‘लश्कर-ए-इस्लाम’ नामक एक नया संगठन कायम कर लिया।
नया संगठन लश्कर-ए-इस्लाम
बताया जाता है कि भारत, पाकिस्तान और पाकिस्तान-अफगान सीमा पर कार्यरत एक और आतंकी संगठन ‘जैश-ए-इस्लाम’ ने ‘लश्कर-ए-इस्लाम (एलईआई)’ से हाथ मिलाकर उसकी शक्ति और बढ़ा दी है।
पाकिस्तान और अफगान सीमा से होकर गुजरने वाले हिमालय की वादियों और दर्रों में सक्रिय कयूम नजर और उसके संगठन ने अबतक ‘हिजबुल मुजाहिदीन’ के छह सक्रिय और खुंखार लड़ाकों को मार गिराया है।
एक दूसरे के खून के प्यासे
सूत्रों के अनुसार भारतीय सेना और सीमा पर कार्यरत भारतीय खुफिया तंत्र ने भी इन दोनों संगठनों के बीच होने वाले कई परस्पर विरोधी संवादों और ईमेल को ‘इंटरसेप्ट’ भी किया है। ‘हिजबुल मुजाहिदीन’ और ‘लश्कर-ए-इस्लाम’ किस तरह एक दूसरे का कट्टर विरोधी और एक दूसरे के खून का प्यासा बना हुआ है इसका उल्लेख हिजबुल के आतंकियों ने सोशल साइट ‘फेसबुक’ पर डाल रखा है साथ ही अपने साथियों के साथ कयूम नजर की वह तस्वीर भी है जब उसने हिजबुल मुजाहिदीन छोड़कर नया संगठन बनाने और हिजबुल कमांडर इन चीफ सैयद सलाहउद्दीन को हर हाल में सबक सिखाने का दावा और वादा मीडिया के सामने किया था।
इस तस्वीर में एक तस्वीर ‘लश्कर-ए-इस्लाम’ के आतंकियों की भी है जो भारी हथियारों के साथ प्रशिक्षण ले रहे हैं।