बिहार विधानसभा उपचुनाव में पार्टी के प्रदर्शन का लेकर सभी पार्टियों में मंथन का दौर शुरु हो गया है। इस चुनाव में भाजपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिली है। इस कारण उसकी चिंता बड़ी है, उसका मंथन कार्यक्रम भी बड़ा चल रहा है। संगठन से लेकर सांसद, विधायक तक मंथन कर रहे हैं। लगातार तीन दिनों तक भाजपा का मंथन शिविर चला और इसमें आपसी समन्‍वय का अभाव, कार्यकर्ताओं की उदासीनता और उत्‍साह की कमी पर फोकस किया गया।

 

भाजपा में सिर्फ हार पर मंथन किया जा रहा है। लेकिन भाजपा के आधार विस्‍तार पर चर्चा नहीं हो रही है। नये समाज में पार्टी की पहुंच की अनदेखी की जा रही है। भाजपा ने आठ सामान्‍य सीटों पर चार सवर्णों को टिकट दिया था, जिसमें तीन चुनाव हार गए, जबकि पिछड़ी जाति के चार उम्‍मीदवारों में दो जीतने में सफल रहे। यह इस बात का प्रमाण है कि भाजपा को अपनी जाति नीति बदलने पर भी विचार करना होगा। उधर जदयू के शिविर में यह भी चर्चा हो रही है कि उसके जीतने वाले दोनों विधायक सवर्ण जाति के हैं। जबकि एकमात्र पिछड़ी जाति को टिकट दिया था और वह हार गया। मंथन अभी कांग्रेस व राजद में भी होने वाला है। इसमें जीत का उत्‍साह के साथ हार की कमजोरियों पर चर्चा स्‍वाभाविक है।

 

कुल मिलाकर अभी मंथन का दौर ही चलेगा। पार्टी नेतृत्‍व को लेकर भी विवाद होगा और आधार विस्‍तार की कवायद भी की जाएगी। इन सबों के सबसे से बड़ा सवाल यह तैरता रहेगा कि भाजपा किसके नेतृत्‍व में चुनाव लड़ेगा और गठबंधन में किस पार्टी की क्‍या भूमिका होगी।

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427