जनरल बिक्रम सिंह गुरुवार को सेना प्रमुख के पद से रिटायर हो गये और उनके स्थान पर जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने 26वें थलसेना अध्यक्ष के बतौर कमान संभाल ली. जानिये जनरल सुहाग के बारे में.
जनरल दलबीर सिंह को पूर्वर्ती कांग्रेस सरकार ने सेना प्रमुख के रूप में नामित किया था. हालांकि उनकी नियुक्ति का विरोध केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने यह कहते हुए की थी कि उन पर निर्दोषों का आरोप है. लेकिन बाद में यह मामाला शांत पड़ गया था. जनरल दलबीर सिंह अब देश के नये सेना प्रमुख बन गये हैं. जनरल सुहाग का कार्यकाल 30 महीने का होगा.
जानिये क्यों हुआ था जनरल दलबीर सिंह सुहाग की नियुक्ति पर हंगामा
हरियाणा के झज्जर जिले में जन्मे जनरल सुहाग पारम्परिक तौर पर खुद भी एक सैनिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता सेना में सूबेदार थे. सुहाग ने सेना में आने के लिए 1974 में एनडीए की परीक्षा पास की थी और उसके बाद उन्होंने गोरखा राइफ्लस ज्वाइन किया था. उन्होंने ने सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ से पढ़ाई की है.
उन्होंने 53 इन्फेंट्री ब्रिगेड की कमान संभाली। जनरल सुहाग को गत दिसंबर में सेना उप प्रमुख बनाया गया था. हालांकि सुहाग अपने कार्यकाल में कई बार विवादों से भी घिरे. जब उन्हें पूर्वी कमान का चीफ बनाया जाना था, तो तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह ने उन पर अनुशासनात्मक प्रतिबंध लगा दिया था. यह प्रतिबंध उनके खिलाफ असम में एक खुफिया अभियान के सिलसिले में लगाया गया था. हालांकि, मई 2012 में जनरल बिक्रम सिंह ने सेना प्रमख बनने के तुरंत बाद यह प्रतिबंध हटा दिया था.
जनरल सुहाग 1987 में श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के अभियान में शामिल थे. श्रीलंका में शांति सेना राजीव गांधी के कार्यकाल में भेजी गयी थी.
जब कांग्रेस के नेतृत्वाली सरकार ने कुछ महीने पहले सुहाग को सेना प्रमुख के रूप में नामित किया था तो भाजपा ने इसका विरोध किया था. हालांकि, एनडीए सरकार के गठन के तुरंत बाद रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि नई सरकार यूपीए सरकार के शासनकाल में की गई नियुक्ति जारी रखेगी.