आपदा प्रबंधन विभाग प्राकृतिक आपदाओं से निबटने के लिए वर्ष 2030 तक के लिए रोडमैप बना रहा है। इस पर मंथन के लिए पिछले 13 व 14 मई को पटना में आपदा प्रबंधन पर केंद्रित दो दिवसीय सेमिनार के आयोजन किया गया था। इसमें रोडमैप की कार्यशैली और उसके स्‍वरूप पर मंथन भी किया गया।unnamed (7)

आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्‍यास जी से वीरेंद यादव की खास बातचीत

 

आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्‍यास जी ने नौकरशाहीडॉटइन के साथ खास बातचीत में कहा कि दो दिनों के विचार विमर्श के बाद ‘पटना घोषणा’ पत्र जारी किया, जिसमें प्राकृतिक आपदाओं यथा बाढ़, सूखाड़ और तूफान जैसी आपदाओं से निबटने के संबंध में चर्चा की गयी है। उन्‍होंने कहा कि रोडमैप बनाने के लिए 10 सदस्‍यों की एक प्रारूप समिति गठित की गयी है, जो एक माह तक कार्यशाला के निष्‍कर्षों का अध्‍ययन करेगी। उसी आलोक में रोडमैप का प्रारूप तैयार किया जाएगा। इसके बाद आगामी 13-14 जून को कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इसमें ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसमें प्रारूप से जुड़े विभिन्‍न पहलुओं पर मंथन होगा और इसकी खामी व खूबी पर चर्चा होगी। इसके बाद प्रारूप को अंतिम रूप देकर पर मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा। प्रधान सचिव व्‍यास जी ने कहा कि प्रारूप को सरकार से स्‍वीकृति मिलने के बाद इसे सावर्जनिक किया जाएगा। उन्‍होंने उम्‍मीद जतायी कि जुलाई में रोडमैप को जारी कर दिया जाएगा।

 

आपदा प्रबंधन विभाग के सचिवों की दिल्‍ली में बैठक

राज्‍यों के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिवों की बैठक शनिवार को दिल्‍ली में हुई थी। इसमें व्‍यास जी खुद शामिल हुए थे। उन्‍होंने कहा कि यह रुटीन बैठक थी। हर वर्ष मानसून के पहले बैठक होती है, जिसमें मानसून से जुड़ी जानकारियों पर मंथन होता है। प्रधान सचिव व्‍यास जी ने कहा कि बिहार में एक साथ कुछ जिलों में बाढ़ भी आती है और कुछ जिलों में सूखाड़ भी होता है। इस संबंध में कोई भी पूर्वानुमान करना संभव नहीं होता है। उन्‍होंने कहा कि बैठक केंद्रीय गृहसचिव की अध्‍यक्षता में हुई थी,‍ जिसमें राज्‍यों के विभागीय सचिवों के अलावा आपदा प्रबंधन से जुड़े विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427