देश में आपातकाल के दौरान जेलों में बंद रहे ‘लोकतंत्र सेनानियों’ को पहचान दिये जाने तथा उन्हें पेंशन देने की आज राज्यसभा में मांग की गयी।  बीजू जनता दल के प्रसन्ना आचार्य ने शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए कहा कि 25 जून 1975 का दिन देश के इतिहास में काले दिवस के रूप में याद किया जाता है। आपातकाल की घोषणा के बाद लोक नारायण जय प्रकाश के नेतृत्व में विभिन्न नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इसके विरूद्ध अावाज उठायी और आंदोलन किया। इसे लोकतंत्र की बहाली के लिए दूसरे ‘स्वतंत्रता संग्राम’ के तौर पर देखा जाता है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग जेलों में बंद रहे। 


उन्होंने कहा कि संघर्ष करने वालों में से कुछ लोग सत्ता तक पहुंच गये लेकिन कुछ को भुला दिया गया और अब वे बदहाली में गुमनाम जीवन जी रहे हैं। इनमें से एक व्यक्ति को वह जानते हैं जो रिक्शा चलाकर अपना गुजारा कर रहे हैं। कुछ और लोग भी जीवन यापन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इन लोगों को किसी तरह की पहचान देनी चाहिए और पेंशन आदि देकर इनकी मदद करनी चाहिए।

श्री आचार्य ने कहा कि वह पहले भी यह मामला उठा चुके हैं लेकिन अब तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कुछ सेनानियों के बच्चे दयनीय हालत में जी रहे हैं। उनकी भी मदद की जानी चाहिए।

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427