रेल बजट को आम बजट में मिलाने के प्रस्ताव पर कल केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि इस आशय के कैबिनेट नोट को कल होने वाली केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के एजेंडे में सूचीबद्ध किया गया है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ए के मित्तल साउथ ब्लॉक में होने वाली इस बैठक में मौजूद रहेंगे।
सूत्रों के अनुसार इस फैसले से रेल मंत्रालय की स्वायत्तता को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। अलबत्ता उसके सिर से कई बोझ कम हो जायेंगे। कर्मचारियों के वेतन/पेंशन भत्ते आदि के लिये केन्द्रीय कर्मियों के लिये एकीकृत व्यवस्था होगी और रेलवे की आय पर इसका बोझ नहीं होगा। सकल बजटीय सहायता और लाभांश के भुगतान का मुद्दा समाप्त हो जायेगा। उन्होंने बताया कि रेल मंत्री या मंत्रालय के अधिकारों में कोई कटौती नहीं होगी। रेलवे की नीतियों एवं योजनाओं पर मंत्रालय का नियंत्रण यथावत रहेगा। अगर मंत्रिमंडल इस प्रस्ताव को मंजूर कर लेता है तो अगले वर्ष से आम बजट में ही रेलवे का विवरण शामिल किया जायेगा और बजट दस्तावेज में अनुलग्नक के रूप में रेल बजट संसद के दोनों सदनों के पटल में रखा जायेगा। सूत्रों के अनुसार बजट संसद में पेश किये जाने के बाद रेलमंत्री संवाददाता सम्मेलन में अगले वित्त वर्ष के लिये रेलवे के बजट प्रस्तावों की जानकारी देंगे। उल्लेखनीय है कि रेल मंत्री ने संसद के मानसून सत्र में बताया था कि उन्होंने वित्त मंत्री को पत्र लिख कर रेल बजट को आम बजट में समाहित करने का अनुरोध किया है।