विपक्ष ने आज कहा कि वह संसद के बजट सत्र में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रकरण समेत सभी ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा चाहती है और सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सहित सभी विवादास्पद विधेयकों को विपक्ष को भरोसे में लिये बिना संसद में पेश न करे। बजट सत्र से पहले संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू द्वारा बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में सरकार ने सभी ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा कराने की विपक्ष की मांग को मानते हुए कहा कि वह इन पर नियमानुसार बहस कराने के लिए तैयार है।
श्री नायडू ने कहा कि सरकार जेएनयू मुद्दे पर भी चर्चा के लिए तैयार है क्योंकि इस मामले में अलग-अलग राय है, जिन पर बहस कराये जाने की जरूरत है। सूत्रों के अनुसार सरकार ने जेएनयू मुद्दे पर सत्र के दूसरे दिन ही यानी 24 तारीख को चर्चा कराने के विपक्ष के सुझाव को मान लिया है, लेकिन इस बारे में अंतिम निर्णय कार्य मंत्रणा समिति की कल होनी वाली बैठक में लिया जायेगा।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि सरकार को सभी विवादास्पद विधेयकों पर विपक्ष को भरोसे में लेकर आम सहमति बनानी चाहिए और इसके बिना इन विधेयकों को संसद सत्र के पहले हिस्से में पेश नहीं किया जाना चाहिए। जीएसटी विधेयक पर पार्टी के पुराने रूख को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि उसकी तीन मांगों को इस विधेयक में शामिल किया जाना चाहिए। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी कहा कि उनकी पार्टी विधेयकों के महत्व के अनुसार उन्हें पारित कराने में सहयोग करेगी लेकिन संसद को चलाने की मुख्य जिम्मेदारी सरकार की है।