आयकर विभाग ने कालेधन और बेनामी संपत्तियों पर कार्रवाई में तेजी लाने की घोषणा करते हुये कहा कि उसकी कार्रवाई में अब तक 900 से अधिक मामलों में 3,500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की बेनामी संपत्ति जब्त की गयी है।
विभाग 01 नवंबर 2016 से प्रभावी बेनामी संपत्ति लेनदेन प्रतिबंध कानून (बेनामी कानून) के तहत कार्रवाई में तेजी लाया है। इस कानून में चल और अचल संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है। बेनामी संपत्ति के मालिक को सात वर्ष तक के सश्रम कारावास और संपत्ति के वर्तमान बाजार मूल्य का 25 फीसदी तक जुर्माना हो सकता है। विभाग ने इस कानून पर प्रभावी अमल के लिए जांच निदेशालयों के तहत पूरे देश में 24 बेनामी निरोधक इकाइयां बनायी हैं।
विभाग ने 900 से अधिक मामलों में 3,500 कराेड़ रुपये से अधिक की बेनामी संपत्ति जब्त की है जिसमें 2,900 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। इसमें प्लॉट, फ्लैट, दुकान, आभूषण, वाहन, बचत खातों में जमा, सावधि जमा आदि शामिल हैं। पांच मामलों में सक्षम प्राधिकारी ने 150 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति जब्त किये जाने को सही ठहराया है। एक मामले में एक रियल्टी कंपनी ने कई लोगों के नाम पर 50 एकड़ भूमि खरीदी गयी है। भूमि बेचने वाले और दलालों ने भी इसकी पुष्टि की है। एक अन्य मामले में नोटबंदी के बाद दो करदाताओं ने अपने कर्मचारियों और सहयोगियों के अलग-अलग बैंक खातों में बंद किये गये पुराने नोट जमा कराये थे। कुल राशि 39 करोड़ रुपये थी। एक अन्य मामले में एक वाहन से 1.11 करोड़ रुपये जब्त किये गये जबकि संबंधित व्यक्ति ने नकदी उसका होने से इनकार दिया था। इस तरह किसी ने उस नकदी को अपना नहीं बताया।