चुनाव आयोग ने कांग्रेस और भाजपा की शिकायत पर आप के संयोजक अरविंद के जरीवाल को लोगों को रिश्वत लेने के लिए उकसाने के आरोप में नोटिस जारी किया है और 22 जनवरी शाम चार बजे तक उनसे जवाब मांगा है। आयोग ने उन्हें 18 जनवरी के उनके एक बयान को प्रथम दृष्टया आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए यह नोटिस जारी किया। कांग्रेस ने आयोग से शिकायत की थी कि श्री केजरीवाल ने 18 जनवरी को उत्तम नगर की एक जनसभा में लोगों को कांग्रेस और भाजपा से धन लेने के लिए उकसाया था, जो रिश्वत की पेशकश करने जैसा अपराध है और आचार संहिता का उल्लंघन है। भाजपा ने भी ऐसी ही शिकायत की थी।
नोटिस में आयोग ने कहा है कि दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से भी उसे उनके भाषण के बारे में रिपोर्ट और सीडी मिली है। उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि चुनाव का टाइम है, पैसे देने भी आएंगे। दोनों पार्टियां आएंगी। बीजेपी वाले भी, कांग्रेस वाले भी। पैसे देने आएं, मना मत करना। ले लेना। दोनों की पार्टियों से ले लेना। अपना ही पैसा लूट रखा है इन्होंने। किसी ने 2जी में लूट लिया, किसी ने कोयले में लूट लिया। कोई पार्टी न देने आए तो उनके दफ्तर जाकर ले लेना। कहना कि आए नहीं कि इंतजार कर रहे थे आपका। दोनों पार्टियों से लेंगे पैसा लेकिन वोट आप को देंगे।
उल्लेखनीय है कि श्री केजरीवाल के खिलाफ चुनाव आयोग का यह दूसरा नोटिस है। इससे पहले भाजपा की शिकायत पर उन्हें नोटिस जारी किया गया था। पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने आरोप लगाया था कि श्री केजरीवाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भाजपा दिल्ली में साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने की कोशिश कर रही है।