बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने गरीब सवर्णों को आरक्षण दिये जाने के बाद पिछड़े एवं दलित वर्ग के नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोलते हुये आज कहा कि इस वर्ग के वैसे सांसदों को क्षेत्र में घुसने नहीं दें जिसने बहुजन समाज के आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग नहीं की है।
राष्ट्रीय जनता दल नेता श्री यादव ने ट्वीट कर कहा कि यदि आपका सांसद पिछड़ा और दलित है तो उसे अपने क्षेत्र में मत घुसने दो, क्योंकि उन्होंने आपके और बहुजनों का आरक्षण बढ़ाने की मांग नहीं की। ऐसे कायर और डरपोक लोग आपके सांसद बनने के लायक नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वह सवर्ण आरक्षण का नहीं, बल्कि इससे संबंधित कानून को लागू करने के तरीके का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को दस प्रतिक्षण आरक्षण दिये जाने के लिए संविधान में संशोधन करने से पूर्व न तो कोई जांच की गई, न सर्वेक्षण किया गया और न ही किसी आयोग का ही गठन किया गया। केंद्र सरकार ने आनन-फानन में इस संविधान संशोधन विधेयक को पारित करवा लिया। उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में लागू की जा रही इस आरक्षण व्यवस्था का हश्र भी नोटबंदी जैसा ही होगा।
श्री यादव ने उच्चतम न्यायालय के मुजफ्फरपुर बालिका अल्पावास गृह यौन शोषण मामले में आज बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगाये जाने को लेकर एक अन्य ट्वीट में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अंतरात्मा गंगा में डूब बंगाल की खाड़ी में समाहित हो गयी है। उच्चतम न्यायालय की इतनी कड़ी टिप्पणी के बाद भी मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए है।”