बिहार विधानसभा में आज आरक्षण के मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की, जिसके कारण प्रश्नकाल करीब 15 मिनट के बाद शुरु हो सका । विधानसभा में कार्यवाही शुरु होते ही सत्तारुढ़ दल के उप नेता श्याम रजक ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एक साजिश के तहत बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के बनाये संविधान के तहत मिल रहे आरक्षण को समाप्त करना चाहता है। उन्होंने कहा कि भाजपा भी दलित और पिछड़ा विरोधी है , इसलिए वह आरक्षण के खिलाफ है।
श्री रजक के इतना कहते ही सत्तारुढ़ दल के सदस्य आरएसएस और भाजपा के खिलाफ नारे लगाने लगे । इसपर नेता प्रतिपक्ष डा. प्रेम कुमार ने कहा कि सत्तापक्ष आरक्षण को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है। भाजपा ने इस संबंध में लोकसभा में पहले ही स्थिति स्पष्ट कर दी है कि वह संविधान प्रदत्त आरक्षण में किसी तरह के छेड़छाड़ के खिलाफ है। डा. कुमार ने कहा कि भाजपा और संघ नहीं बल्कि जनता दल यूनाइटेड और उसकी सहयोगी पार्टियां आरक्षण विरोधी है। उन्होंने कहा कि इसका प्रमाण इसी से मिलता है कि बिहार में पंचायत चुनाव में दलित और अति पिछड़ी जातियों को राज्य सरकार आरक्षण के लाभ से वंचित कर रही है।
इस पर सत्ता पक्ष के सदस्य अपनी सीट से ही अम्बेडकर जिंदाबाद और आरएसएस-भाजपा मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे । वहीं भाजपा के सदस्य भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे । दोनो ओर से नारेबाजी के कारण सदन हंगामे में डूब गया । शोरगुल के बीच ही उर्जा मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि भाजपा ने संसद में भले ही आरक्षण को लेकर सफाई दी है , लेकिन भाजपा जिस आरएसएस के इशारे पर चलती है उसके लोग लगातार आरक्षण को समाप्त करने की बात कर रहे है। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने सत्तारुढ़ दल पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया ।