बिहार सरकार शिक्षा के अधिकार कानून का पालन नहीं करने वाले निजी विद्यालयों को चिह्नित कर तीन माह के अंदर कार्रवाई करेगी । विधानसभा में राजद के भाई वीरेन्द्र के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को ऐसे निजी विद्यालयों की सूची बनाकर उसे सार्वजनिक करने का निर्देश दिया गया था, जो शिक्षा का अधिकार कानून के तहत गरीब बच्चों को अपने स्कूल में दाखिला नहीं दे रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि 31 जनवरी 2017 को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखकर पूछा गया है कि ऐसे निजी विद्यालयों को बंद करने के लिये नोटिस दी गयी है या नहीं । श्री चौधरी ने कहा कि शिक्षा के अधिकार कानून का राज्य में पालन कराया जायेगा और जो भी इसके प्रावधान के अनुरूप बच्चों का दाखिला नहीं देंगे उनके खिलाफ तीन महीने के अंदर कार्रवाई की जायेगी ।
इस पर नेता प्रतिपक्ष डा0 प्रेम कुमार ने कहा कि सरकार ने पिछले साल भी ऐसे निजी विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन सदन में दिया था, लेकिन एक साल में कोई कार्रवाई नहीं हुयी है । अब सरकार तीन माह में कार्रवाई का भरोसा दिला रही है, जिस पर विश्वास नहीं होता है । उन्होंने सभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी से इस मामले की विधानसभा की कमिटी बनाकर जांच कराने की मांग की । सभाध्यक्ष श्री चौधरी ने कहा कि विधानसभा की कमिटी बनाकर जांच कराने से इस मामले में और देरी होगी । उन्होंने कहा कि जब शिक्षा मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि तीन माह के अंदर ऐसे निजी विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई करेगी तब इस पर विश्वास करना चाहिए ।