नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक की भूमिका पर उठ रहे सवालों के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि रिजर्व बैंक के स्वायत्तता को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा कि सरकार भारतीय रिजर्व बैंक की स्वतंत्रता और स्वायत्तता का पूरा सम्मान करती है। ज्ञात हो कि नोटबंदी के बाद से सरकार की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। कई अर्थशास्त्रियों ने कहा कि सरकार के नोटबंदी के फैसले से रिजर्व बैंक के स्वायतयता को खतरा पैदा हो गया है। सरकार आरबीआई की शक्तियों के साथ छेड़छाड़ कर दी है।
उधर नोटबंदी के बाद के घटनाक्रमों से ‘अपमानित’ महसूस कर रहे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कर्मचारियों ने आज गवर्नर उर्जित पटेल को चिट्ठी लिखकर अपना विरोध दर्ज कराया है। कर्मचारियों ने पत्र में नोटबंदी की प्रक्रिया के परिचालन में ‘कुप्रबंधन’ और सरकार द्वारा करेंसी संयोजन के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति कर केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता को चोट पहुंचाने का विरोध किया है। पत्र में कहा गया है कि इस कुप्रबंधन से आरबीआई की छवि और स्वायत्तता को ‘इतना नुकसान पहुंचा है कि उसे दुरुस्त करना काफी मुश्किल है। ‘ इसके अलावा मुद्रा प्रबंधन के आरबीआई के विशेष कार्य के लिए वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति को कर्मचारियों ने ‘जबर्दस्त अतिक्रमण’ बताया।
पटेल को संबोधित इस पत्र में यूनाइटेड फोरम ऑफ रिजर्व बैंक ऑफिसर्स एंड इम्पलाइज की ओर से कहा गया है कि रिजर्व बैंक की दक्षता और स्वतंत्रता वाली छवि उसके कर्मचारियों के दशकों की मेहनत से बनी थी, लेकिन इसे एक झटके में ही खत्म कर दिया गया। यह अत्यंत क्षोभ का विषय है।