भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी एकता के लिए प्रयासरत भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने आज महागठबंधन को स्पष्ट कर दिया कि लोकसभा चुनाव में आरा और सिवान सीट पर वह किसी तरह का समझौता नहीं करेगी।
भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने यहां कहा है कि हमारी पार्टी बिहार की छह लोकसभा सीटों आरा, सिवान, जहानाबाद, काराकाट, पाटलिपुत्र और वाल्मिकीनगर में चुनाव की तैयारी कर रही है। ये सीटें हमारे आंदोलनों की मजबूत दावेदारी वाली सीटें रही हैं। उन्होंने कहा कि इन छह सीटों में आरा और सिवान सीटें ऐसी हैं, जिसपर हम किसी भी प्रकार का समझौता नहीं कर सकते। श्री कुणाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करना उनकी पार्टी का नंबर एक एजेंडा है। इसलिए, उनकी लगातार कोशिश है कि चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्ष की व्यापक एकता का निर्माण हो। यह बिहार की जनता की भी चाहत है लेकिन दुर्भाग्य से अभी तक इस दिशा में गतिरोध बरकरार है।
भाकपा-माले नेता ने कहा कि बिहार लाल झंडे के आंदोलनों की सरजमीं है। भाजपा के खिलाफ आज जो माहौल बना है, उसके केंद्र में भाकपा-माले एवं वामदल ही है। उनके पास ही भाजपा को रोकने का वैचारिक हथियार है और उसके खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। श्री कुणाल ने कहा कि वामदलों के पास राज्य के गरीबों, मजदूर-किसानों, छात्र-नौजवानों, दलित-अकलियतों की ताकत है। इसलिए, गरीबों की पार्टी के साथ चुनाव में सम्मानजनक समझौता ही होना चाहिए।