तब बिहार सरकार ने मद्यनिषेध मंत्री जमशेद अशरफ को अयोग्य कह कर हटा दिया था. अशरफ का महज इतना कहना था कि शराब माफिया सरकारी राजस्व की लूट मचा रहे हैं.
लेकिन वही राज्य सरकार अब शराब माफिया से आजिज आ कर उनकी अवैध सम्पत्ति जब्त करने पर कमर कस चुकी है.
बिहार की आर्थिक अपराध शाखा ने उन 13 शराब माफिया की अवैध सम्पत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है जिन्होंने सरकारी राजस्व को चूना लगा कर अकूत सम्पत्ति जमा कर रखी है. ये माफिया मुजफ्फरपुर, भोजपुर और पटना समेत अनेक जिलों के हैं.
आर्थिक अपराध शाखा के सूत्रों का कहना है कि अवैध ढंग से शराब का व्यवसाय कर इन माफिया ने सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लगाया है.
पर सवाल यह है कि एक मंत्री ने दो साल पहले जब यही बात कही थी तो इसी सरकार ने इस पर, न सिर्फ ध्यान नहीं दिया था, बल्कि यह कहते हुए मंत्री के पद से हटाने का फरमान जारी कर दिया था कि उन्होंने मीडिया में ऐसी बात कह कर सरकार को नीचा दिखाने की कोशिश की है.
तब विभाग के मंत्री जमशेद अशरफ की बात दबा दी गयी थी.
लेकिन अब लगता है कि मौजूदा सरकार अपनी भूल को स्वीकार करके करोड़ों का गबन करने वाले माफिया के खिलाफ खुल कर आने को तैयार है.
पिछले वर्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अधिकार यात्र पर निकले थे ऐसी शिकायतें उन्हें आम लोगों से भी मिली थी. इसके बाद उन्होंने पुलिस व प्रशासन को शराब का अवैध कारोबार करने वाले माफिया को चिन्हित कर उनपर कार्रवाई करने को कहा था.
आर्थिक अपराध इकाई ने अब बाजाब्ता संपत्ति का आकलन करने में चार्टड एकाउंटेंट व अन्य विशेषज्ञों के सहारे यह पता कर लिया है कि इन माफियाओं ने अवैध कमाई कर साम्राज्य खड़ा कर लिया है.