बिहार कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के रिजर्व बैंक के नये गवर्नर की नियुक्ति पर सवाल खड़े करते हुये आज कहा कि वह आर्थिक विशेषज्ञ नहीं हैं। श्री सिंह ने कहा कि आरबीआई के नये गवर्नर शक्तिकांत दास आर्थिक विशेषज्ञ नहीं हैं। वह इतिहास के विद्यार्थी रहे हैं और सेवानिवृत नौकरशाह हैं, जो नोटबंदी के समर्थक और इसे लागू कराने वालों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि इनकी नियुक्ति से मोदी सरकार की आर्थिक विफलता दूर होनेवाली नहीं है।
कांग्रेस नेता ने सवालिया लहजे में कहा कि यह सोचने की बात है कि जब उर्जित पटेल को मोदी सरकार ने ही आरबीआई का गवर्नर नियुक्त किया था तो उनके लिये ऐसी स्थिति क्यों बनी की उन्हें समय पूर्व ही इस्तीफा देकर हटना पड़ा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जो काम आरबीआई के निवर्तमान गवर्नर से नहीं करवा सकी, उसे नये गवर्नर से कराने की कोशिश करेगी। यदि ऐसा होता है तो रिजर्व बैंक की स्वायत्तता और विश्वसनीयता को आंच आयेगी, जिससे देश की आर्थिक स्थिति सुधरने के बजाय और बिगड़ेगी।
श्री सिंह ने कहा कि नये गवर्नर क्या मोदी सरकार के दबाव के सामने झुकेंगे। क्या वह आरबीआई के आरक्षित कोष का एक हिस्सा सरकार को देंगे। क्या वह बैंकों के कर्ज पर लगे अंकुश में ढील देंगे। क्या बाजार में पूंजी प्रवाह बढ़ाएंगे। क्या सरकार के अनुकूल उद्योगों को मिलने वाले कर्ज में ढिलाई बरतेंगे। क्या इस केन्द्रीय बैंक की स्वतंत्रता को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिये अपने पूर्ववर्ती गवर्नर का अनुसरण करेंगे। उन्होंने कहा कि यह ऐसे प्रश्न हैं, जिनके उत्तर का देश की जनता बेसब्री से इंतज़ार कर रही है।