उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कल नई दिल्ली में रेलमंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात कर पटना के आर ब्लाॅक-दीघा रेल लाइन की 71 एकड़ जमीन सड़क निर्माण के लिए बिहार सरकार को सौंपने का आग्रह किया।
रेलमंत्री ने शीघ्र ही जमीन के हस्तांतरण की औपचारिकता पूरी करने का आश्वासन दिया। 150 साल पुरानी रेल ट्रैक की छह किलोमीटर लम्बी और 30 मीटर चैड़ाई की जमीन का पुनर्मूल्यांकन करा कर बिहार सरकार रेलवे को 221 करोड़ रुपये देने पर सहमत है।
इस 71 एकड़ जमीन का पहले रेलवे ने बाजार दर पर 896 करोड़ रुपये मूल्य तय किया था मगर केन्द्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद इसके पुनर्मूल्यांकन के बिहार सरकार के प्रस्ताव को रेलवे ने स्वीकार कर लिया जिसके आधार पर पुनर्मूल्यांकित दर 221 करोड़ रुपये तय किया गया है। लम्बाई में जमीन होने के कारण रेलवे इसका कोई व्यावसायिक उपयोग नहीं कर सकता है। छह किलोमीटर लम्बी इस ट्रैक पर ट्रेन के परिचालन में रेलवे को प्रति वर्ष 1 करोड़ रुपये खर्च करना पड़ता हैं जबकि प्रतिदिन मात्र 20 से 25 लोग सफर करते हैं और मात्र 60 हजार रुपये की सालाना आमदनी होती है।
सड़क निर्माण होने से आर ब्लाॅक से दीघा की दूरी न केवल 2 किमी कम हो जायेगी बल्कि समय की भी बचत होगी तथा आर ब्लाॅक, सरपेंटाइन रोड, बोरिंग कैनाल रोड, शिवपुरी, राजीवनगर आदि करीब एक दर्जन मुहल्लों के वासियों को दीघा-आर ब्लाॅक आने-जाने में सहूलियत होगी। बेली रोड़ पर यातायात का दबाव कम होगा तथा पटना को एक नई सड़क उपलब्ध हो जायेगी।