विदेश सचिव पद से हटाई गईं सुजाता सिंह सरकार के रवैये से काफी आहत हैं उन्होंने यहां तक कहा कि 39 सालों तक भारत सरकार की सेवा करने के बाद उनकी प्रतिष्ठा धूमिल की जा रही है.
सुजाता ने कहा कि उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने के मकसद से खबरें ”चलवाई” जा रही हैं और इससे वह ”बहुत दुखी” हैं.
एनडीटीवी से मुलाकात में सुजाता ने कहा, ”पिछले दो दिनों मैं मैंने जिस तरह की कमेंट्री देखी है, उससे मुझे बहुत दुख हुआ है. मेरा मानना है कि इतना नीचे गिरना और गंदगी फैलाना जरूरी नहीं.”
गौरतलब है कि सुजता को, अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे के दूसरे दिन बाद ही विदेश सचिव के पद से हटा दिया गया जबकि उनका कार्यकाल अभी छह महीने और होता.
सुजाता ने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को दोपहर दो बजे उन्हें फोन किया और कहा कि वह उन्हें ”कोई अच्छी खबर नहीं” देने जा रही हैं. सुषमा ने उनसे कहा कि प्रधानमंत्री एस जयशंकर को विदेश सचिव नियुक्त करना चाहते हैं.
सुजाता ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा पहले से ही तैयार रखा था पर उन्हें कहा गया कि ऐसा करने से वह अपने सेवानिवृति लाभ गंवा देंगी.
लिहाजा, उन्होंने ”प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार” शाम के करीब सात बजे एक पत्र भेजकर समय से पहले सेवानिवृति मांगी.