बोधगया बम ब्लास्ट के बाद पहली बार इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉनक्लेव का आयोजन सिंतबर महीने में किया जा रहा है। तीन दिवसीय आयोजन की शुरुआत 26 सिंतबर से होगी। इसमें बौद्ध धर्म के विभिन्न पक्षों पर चर्चा होगी। इस कॉनक्लेव का उद्देश्य भगवान बुद्ध की शांति, अहिंसा, विश्वबंधुत्व तथा करुणा को पूरी दुनिया में प्रसारित करना है। इस मौके पर दो दिनों तक भगवान बुद्ध के जीवनवृत्त पर विशेष व्याख्यानमाला का आयोजन किया जाएगा।
इसमें दुनियाभर के 39 देशों के डेलिगेट भाग लेंगे। 26 सितम्बर को विशेष वायुयान से डेलिगेट गया पहुंचेंगे। डेलिगेट बौद्ध स्थलों का भी भ्रमण करेंगे। 7 जुलाई 2013 को बोधगया बम धमाके के बाद पहली बार बोधगया में बुद्धिस्ट कॉनक्लेव का आयोजन किया जा रहा है। कॉनक्लेव का आयोजन केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय, पर्यटन विभाग बिहार सरकार तथा कई बौद्ध संगठनों की मदद से की जा रही है। बिहार सरकार के पर्यटन निदेशक उमाशंकर प्रसाद ने महाबोधि मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव को पत्र लिखकर इस संबंध में सूचित किया है। इसमें कहा गया है कि सम्मेलन में विदेशी प्रतिनिधियों के अलावे विभिन्न राज्यों के पर्यटन विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारी, और पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के वरिष्ठ पदाधिकारी भी भाग लेंगे। डेलिगेट्स और अधिकारी दो दिनों तक बोधगया में ही रहेंगे और बौद्ध स्थलों का भ्रमण करेंगे। कॉनक्लेव की तैयारी शुरू कर दी गयी है। बौद्ध मठों एवं मंदिरों को खास तौर से सजाने संवारने का काम जोर शोर से शुरू हो गया है। कॉनक्लेव के आयोजन को लेकर सम्पूर्ण विश्व से बुद्ध की धरती पर सैलानियों तथा बौद्धों का जमावड़ा लगेगा। पर्यटन विभाग लगायेगी बहुभाषीय संकेतक पर्यटन विभाग बोधगया के प्रमुख स्थलों पर बहुभाषीय संकेतक लगवाएगी।
बोधगया आनेवाले देसी-विदेशी सैलानियों को इस बहुभाषीय संकेतक से यह पता चल सकेगा कि बोधगया में दर्शन करने लायक तथा घूमने लायक कौन-कौन से स्थान हैं। पर्यटन निदेशक उमाशंकर प्रसाद ने बहुभाषीय संकेतक लगाने के लिए बीटीएमसी के सचिव से स्थल का चयन कर सुझाव मांगा है।