नोटबंदी, सर्वेक्षण, आय घोषणा स्कीम और अपील मामले के निपटारे की वजह से इस बार बिहार के टैक्स में बढोत्तरी तय है, इसलिए केंद्र के खजाने को भरने के लिए इनकम टैक्स विभाग को ज्यादा टैक्स मिलने की उम्मीद है. बता दें कि केंद्र को पिछले साल 9,000 करोड़ रूपए बतौर टैक्स मिले थे, उम्मीद है कि इस साल 31 मार्च टैक्स की रकम 14,000 करोड़ रूपए की सीमा को पार कर सकता है.
इनकम टैक्स विभाग को नोटबंदी, सर्वेक्षण, आय घोषणा स्कीम और अपील मामले के निपटारे की वजह से करीब 5,000 करोड़ रूपए अतिरिक्त मिलने की संभवाना है. विभाग की ओर से अप्रैल 2016 में इनकम टैक्स विभाग ने 10,000 करोड़ रूपए टैक्स वसूलने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जो इस साल के फरवरी महीने में हासिल कर लिया गया. हालांकि अभी भी कई खाते संदिग्ध बताये जा रहे हैं, जिन पर विभाग की नजर है.
बिहार में सिर्फ नोटबंदी के बाद तकरीबन 2900 बैंक खातों में संदिग्ध जमा राशि से इनकम टैक्स विभाग को टैक्स के रूप में मोटी रकम मिलने की संभावना है. इतना ही नहीं, इनकम टैक्स विभाग की नजर बिहार के टॉप 100 ट्रस्टों पर भी है. विभाग इनका भी हिसाब ले रहा है. वहीं, विभाग ने सिंतबर से दिसंबर माह के बीच बिहार के कई बिल्डरों, निर्माण सामग्री विक्रेता, स्टील फैक्ट्री, कोचिंग संस्थान संचालक, को – ऑपरेटिव बैंकों, चिकित्सक और स्वर्ण विक्रेता व कारोबारियों के करीब 60 से अधिक ठिकाने का सर्वे किया है, जो पिछले साल के मुकाबले तीन गुना अधिक है.