पाकिस्तान में बैठे अपने आका के हुक्म पर इन देश द्रोहियों ने अब तक करोड़ों रुपये का हवाला कारोबार कर लिया है. पर सवाल है कि ये पैसे कहीं आतंकी घटना अंजाम देने के लिए तो नहीं खर्च हो रहे हैं?

इन्हें ही गिरफ्तार किया पटना पुलिस ने( फोटो जागरण)
इन्हें ही गिरफ्तार किया पटना पुलिस ने( फोटो जागरण)

नौकरशाही टीम

शुक्रवार को पटना पुलिस की तेज तर्रार टीम ने रंजीत नामक एक हवाला कारोबारी को गिरफ्तार किया है जिसके पास से 36 एटीएम कार्ड बरामद किये गये हैं. इतना ही नहीं रंजीत की निशानदेही पर इस गिरोह में शामलि परम हंस व राकेश को भी पुलिस ने दबोच लिया.  लेकिन इस मामले में चौंकाने वाली बात तो यह है कि रंजीत नामक इस व्यक्ति के पास से जो दो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं उसमें पाकिस्तान के नम्बर न र्सिफ दर्ज थे बल्कि पाकिस्तान के कई नम्बरों से यह व्यक्ति लगातार सम्पर्क में रहा है.

 

पुलिस ने रंजीत से की गयी पूछ-ताछ में जो खुलासा किया है वह झकझोर देने वाला है. देश की सीमा के बाहर बैठे देश विरोधी सरगनाओं से बिहार के अनेक सफेदपोशों के रिश्ते की जानकारी पुलिस को मिली है. पुलिस ने रंजीत से मिले तमाम नम्बरों को अपने रडार पर ले लिया है. इसमें तो कई पटना सिटी के अहम कारोबारी है जो हवाला के जरिये पाकिस्तान से पैसे मंगावते हैं.

रंजीत देवघर के मोहनपुर थाना क्षेत्र के रिखिया गांव का निवासी है.

यह रही करतूत

पुलिस को जा जानकारी मिली उस आधार पर तो पहले उसने रंजीत को दबोच लिया. फिर रंजीत ने जो खुलासे किये वह काफी चौंकाने वाले थे. रंजीत के खुलासे के बाद जब पुलिस पटना के एनपी सेंटर के दफ्तर नम्बर 406 में पहुंची तो उसने पाया कि यहां तो एक निजी कम्पनी का कारोबार है. जहां  “कैंफर कॉन कास्ट लि” का बोर्ड लगा है. पर यहां मोजूद हवाला कारोबारियों के सरगना परमहंस और राकेश  को 15 पंद्रह लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया गया.

पुलिस को दी गयी जानकारी से साफ पता चलता है कि यह एक ऐसे देशद्रोही गतिविधियों का मकडजाल है जिससे यह पता चलता है कि यह भारत की अर्थव्यवस्था को खोखला करने और देश से गद्दारी करने की साजिश के तहत चलाया जाने वाला कारोबार है.

एटीएम से होता है सारा खेल- पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में बैठ आका अपने कारिंदों को बिहार में फोन करते हैं. और उन्हें निर्देश देते हैं कि किस अकांउंट नम्बर में कितने पैसे डाल दिये गये हैं. फिर इस निर्देश के बाद रंजीत और उसकी टीम के लोग अपने एटीएम कार्ड के जरिये वो पैसे निकाल लेते हैं और मिले निर्देश के अनुसार वह पैसे एनपी सेंटर में मौजूद जहां  “कैंफर कॉन कास्ट लि” के दफ्तर में पहुंचा दिया जाता है. रंजीत के पास बरामद 36 एटीएम कार्ड से यह पता चलता है कि पाकिस्तान में बैठे हवाला कारोबारी करोड़ों करोड रुपये फॉरेन एक्स्चेंज मैनेजमेंट ऐक्ट को धता  बता कर और सरकार को चूना लगा कर भारत में पहुंचा दिये जाते हैं. रंजीत जैसे एटीएम वाहकों को इस पर एक बंधी-बंधाई रकम कमिशन के तौर पर दे दिया जाता है.

 

इस मामले में पटना के सीनियर एसपी मनु महाराज ने पत्रकारों के सामने यह स्वीकार किया है कि गिरफ्तार लोगों के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं और उनके पाकिस्तान सम्पर्क को खंगालने की कोशिश की जा रही है.

बड़ा सवाल

सवाल यह है कि पाकिस्तान से आये इस काले धन का कहां उपयोग किया जाता है? क्या इन पैसों का उपयोग देश में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए तो नहीं किया जाता? पिछले 9 महीने में बिहार में बोध गया और पटना के गांधी मैदान में सीरियल धमाके किये गये. पुलिस और जांच एजेंसियों को इस मामले में गहराई से छानबीन करने की जरूरत है कि देश के खिलाफ रची जा रही इन साजिशों के पीछ रंजीत, राकेश और परमहंस के अलावा और कौन है और ये लोग क्या चाहते हैं.

By Editor

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