पवित्र रमजान का महीना समाप्त हो गया। ईद की सेवई का दौर भी खत्म हो गया। लेकिन इस महीने में कई राजनीतिक समीकरण बनते दिखे । कई राजनीतिक समीकरणों के गढ़ने का रास्ता भी दिखा। भाजपा और गैरभाजपा गठबंधनों ने अपनी ताकत का परिचय भी इफ्तार पार्टियों के माध्यम से दिया। पार्टियों का अंतिम दौर रहा सांसद अली अनवर के आवास पर। यहां मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने सेवई का आंनद लिया।
वीरेंद्र यादव, बिहार ब्यूरो प्रमुख
सोनू किशन, फोटो जर्नलिस्ट
अली अनवर के ईद मिलन में शामिल होने वालों में ज्यादा संख्या पत्रकारों की रही। प्रिंट और चैनल दोनों के पत्रकार मुबारकबाद देने पहुंचे और बधाई दी। यहां राजनीति से ज्यादा पत्रकारिता और पत्रकारों का सरोकार ही हावी रहा। दिल्ली से लेकर पटना तक पत्रकार यहां मौजूद थे। अली अनवर की पार्टियों की खासियत रही है कि मुख्यमंत्री जरूर इसमें शामिल होने पहुंचते हैं। पहले नीतीश कुमार आते थे, इस बार जीतनराम मांझी पहुंचे।
इफ्तार पार्टियों में सबसे ज्यादा चर्चा में रही राजद की इफ्तार। राजद, जदयू और कांग्रेस के बीच गठबंधन की औपचारिक घोषणा के बाद इसका आयोजन किया गया था। इसमें तीनों पार्टियों के नेता मौजूद थे। लालू यादव के घर विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, मंत्रियों में श्रवण कुमार, पीके शाही, श्याम रजक, अवधेश कुशवाहा समेत बड़ी संख्या में विधायक व विधान पार्षद मौजूद थे।
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के आवास पर आयोजित इफ्तार में सभी पार्टियों के नेता मौजूद थे। राजद की राबड़ी देवी, अब्दुलबारी सिद्दीकी, भाजपा के नेता प्रतिपक्ष नंद किशोर यादव, प्रेम कुमार समेत सरकार के कई मंत्री भी शामिल थे। इस पार्टी के विशेष आकर्षण पूर्व सीएम नीतीश कुमार थे। पिछले वर्ष तक इफ्तार के वह आयोजक हुआ करते थे और इस बार अतिथि थे।
भाजपा की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी के विशेष आकर्षण थे रामविलास पासवान। आयोजक थे पूर्व सीएम सुशील कुमार मोदी। जिस दिन भाजपा की इफ्तार पार्टी थी, उसी दिन विधान परिषद में हाथापाई वाली स्थिति पैदा हुई थी। इस कारण दूसरी पार्टियों के सदस्यों ने इससे अपनी दूरी बनाए रखी। नेताओं के चेहरे पर सत्ता के आगाज की उम्मीद भी दिख रही थी।
पांच वर्षों तक वनवास काटने के बाद सत्ता की हरियाली से गदगद रामविलास पासवान के घर आयोजित पार्टी में एनडीए के तीनों दलों के नेता नजर आए। विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह भी मौजूद थे। रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा भी मौजूद थे। भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन, सुशील मोदी, नंदकिशोर यादव के साथ रामकृपाल यादव भी उपस्थित थे।
इन सभी इफ्तार की विशिष्ट पार्टियों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। सभी पार्टियां बिहार के शीर्ष नेताओं से जुड़ी हुई थीं। इस कारण इनमें शामिल होने वाले आमलोग भी खास ही थे। आयोजन स्थल से बाहर वीआईपी और महंगी गाडि़यों की लंबी कतार लगी रहती थी। इससे एक बात स्पष्ट हो रही थी कि समाज का सत्ता से जुड़ा वर्ग अब पैदल चलने को तैयार नहीं है। पार्टियों की नीतियों में भले फर्क हो, लेकिन गाडि़यों के लुक और स्टैडर्स में कोई किसी से कम नहीं है।