बिहार कैडर के रिटार्यड आईएएस अफसर एमए इब्रहिमी ने शासन में अपने अनुभवों पर लिखी पुस्तक में केंद्र और राज्य सरकारों के तौर तरीकों पर जम कर आलोचना की है.
बिहार संवर्ग के अवकाशप्राप्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ,डॉ एम ए इब्राहिमी द्वारा अंग्रेज़ी में लिखित “,शासन प्रणाली में मेरी अनुभूति ” नामक पुस्तक का विमोचन नई दिल्ली के इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर में 23 सितम्बर को सांय 5 बजे सर्वोत्तम न्यायलय के न्यायाधीश माननीय श्री शिवकीर्ति सिंह के द्वारा किया जायगा ,इस अवसर पर देश के प्रबुद्ध महानुभाव भी उपस्थित रहेंगे.
डॉ एम ए इब्राहीमी की इस पुस्तक में विशेष रूप से भारत सरकार और बिहार सरकार की शासन प्रणालियों पर आलोचनात्मक टिपण्णी की गयी है. भारतीय शासन तंत्र में राजनीतिज्ञ एवं नौकरशाह को सामान रूप से गड़बड़ पैदा करने का उत्तरदायी ठहराया है.
लोकतंत्र में जनता अपनी वांछित सरकार चुनती है और हर सरकार अपना वांछित नौकरशाह बहाल करती है/इस पुस्तक का प्रकाशन हरानंद प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड ,ओखला औधोगिक क्षेत्र ,नयी दिल्ली के द्वारा प्रकाशित है.
इब्राहिमी ने मैंनेजमेंट में डॉक्टरेट की डिग्री के सात एलएल भी किया है.
रिटायरमेंट के बाद वह फिलाहाल सुप्रीम कोर्ट में बहैसियत वकील प्रेक्टिस करते हैं. इब्राहिमी ने 1978 में आईएएस ज्वाइन किया. आईएएस ज्वान करने से पहले इब्राहिमी ने कुछ दिनों तक एक राष्ट्रीय बैंक में प्रोबेशनरी ऑफिसर के तौर पर काम किया. इनता ही नहीं उन्होंने कुछ दिनों तक आईआरएस में सेवा देते हुए इंकम टैक्स महकमे में भी रहे.
इब्राहिमी ने भागलपुर विश्विद्यालय के कुलपति के तौर पर भी कुछ समय के लिए सेवायें दीं.
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