इमारत शरिया द्वारा आयोजित दीन बचाओ कांफ्रेंस का ज्वाला धधक रहा है. उधर इस कांफ्रेंस में महती भूमिका निभाने वाले अन्य महत्वपूर्ण संगठन इदारा शरिया के नाजिम ने अपने मुहतमिम गुलाम रसूल बलियावी को तमाम पदों से हटाने का ऐलान कर दिया है. बलियावी जदयू से विधान पार्षद हैं.
इदारा शरिया के नाजिम ए आला( जनरल सिक्रेटरी) मौलाना सनाउल्लाह रिजवी ने प्रेस रीलीज जारी कर इस बात की सूचना दी है. उन्होंने लिखा है कि किसी भी सियासी पद पर बैठा व्यक्ति इदार शरिया के किसी भी पद पर नहीं रह सकता. उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक आपात बैठक बुला कर यह फैसला लिया गया है. सनाउल्लाह रिजवी ने कहा है कि इमारत शरिया( ध्यान रहे कि इमारत शरिया व एदारा शरिया बिहार के दो अलग अलग प्रतिष्ठित मजहबी संगठन हैं) द्वारा दीन बचाओ देश बचाओ कांफ्रेंस के आयोजन में उमड़े जनसैलाब के बाद इसी किस्म के व्यक्ति ने सियासी सौदा किया है. इससे मिल्लत को भारी नुकसान पहुंचा है. इस लिए किसी भी सियासी पद पर बैठे व्यक्ति को मजहबी संगठन के पद पर नहीं रहना चाहिए.
गौरतलब है कि पंद्रह अप्रेैल को इमारत शरिया द्वारा आयोजित कांफ्रेंस के बाद इसके मंच संचालक को जदयू ने विधान परिषद का सदस्य बना दिया जिसके बाद मुसलमानों में भारी नाराजगी उत्पन्न हो गयी. इस कांफ्रेंस में इदारा शरिया ने भी बढ़-चढ कर हिस्सा लिया था. इस बैठक के लिए एदारा शरिया के मुहतमिम गुलाम रसूल बलियावी को किनारे रखा गया था बताया जाता है कि इसकी वजह उनका जदयू के विधान पार्षद होना थी. उधर बलियावी इस कोशिश में लगे थे कि इस मामले में सनाउल्लाह रिजवी के खिलाफ एदारा में माहौल तैयार किया जाये. लेकिन उससे पहले ही रिजवी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया.
सनाउल्लाह रिजवी ने अपने बयान में गुलाम रसूल बलियावी को दस दिन की मोहलत दी है औऱ कहा है कि इस बीच उनके पास इदारा से संबंधित जो भी कागजात हैं उसे इदारे को सौंप दें.
याद रहे कि इमारत शरिया द्वारा आयोजित कांफ्रेंस में लाखों लोगों ने भागीदारी करके एक रिकार्ड बनाया था लेकिन इस आयोजन के तुरत बाद राजनीतिक तूफान उठ खड़ा हुआ है. इसी का असर इदारा शरिया पर भी पड़ा है. हालांकि इमारत शरिया के अमीर को भी पद से इस्तीफा देने की मांग उठने लगी है लेकिन इस मामले में इमारत शरिया के पदाधिकारियों के बयानों से लगता है कि वहां हालात को काबू में रखने की पूरी कोशिश हो रही है.