गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इशरत जहां से संबंधित फाइलों के गायब होने के मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित की है। मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (गृह) बी के प्रसाद को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। समिति इस बात का पता लगाएगी कि इशरत जहां मामले में दूसरे हलफनामे का मसौदा किसने तैयार किया था और वह कैसे गायब हो गया। समिति उन सभी अधिकारियों से पूछताछ करेगी जो इस हलफनामे को बनाने की प्रक्रिया से जुड़े थे।
उल्लेखनीय है कि श्री सिंह ने हाल में संसद में कहा था कि इशरत जहां मामले में कुछ फाइलें गायब हैं और इसका पता लगाने के लिए आंतरिक जांच करायी जायेगी। उन्होंने कहा था कि पूरी छानबीन के बाद ही आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय लिया जाएगा। इशरत जहां मामले में तत्कालीन गृह सचिव के एटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती को लिखे दो पत्र गायब हैं और तत्कालीन गृहमंत्री द्वारा हलफनामे में किये गये बदलाव की कॉपी भी उपलब्ध नहीं है।
इशरत जहां सहित चार लोग 15 जून 2004 को अहमदाबाद पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। श्री सिंह के मुताबिक इस मामले में केंद्र सरकार ने पहले हलफनामे में इशरत को आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा की सदस्य बताया गया था लेकिन दूसरे हलफनामे में इस तथ्य को कमजोर करने की कोशिश की गयी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि यह गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने की साजिश थी।