गुजरात उच्च न्यायालय ने इशरत जहां मुठभेड़ मामले में एडीजी पीपी पांडेय की गिरफ्तारी से छूट मांगने की अर्जी खारिज कर दी है.अब उनकी गिरफ्तारी हो सकती है.
2004 में जब इशरत जहाँ पुलिस मुठभेड़ कांड हुआ, तब पीपी पांडेय अहमदाबाद में संयुक्त पुलिस आयुक्त के पद पर तैनात थे.मालूम हो कि सीबीआई की विशेष अदलालत ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पीपी पांडेय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट मई के प्रथम सप्ताह में जारी किया था. उसके बाद वह फरार चल रहे थे. सीबीआई ने आरोप लगाया था कि गुजरात सरकार उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है.
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मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि सीबीआई चार जुलाई को चार्जशीट दायर करेगी.
19 साल की इशरत जहाँ की मौत 2004 में अहमदाबाद में पुलिस के साथ एक कथित मुठभेड़ में हुई थी.
गुजरात पुलिस का दावा है कि इशरत और उसके तीन दोस्त गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या करने के इरादे से अहमदाबाद पहुंचे थे जहां पुलिस के साथ मुठभेड़ में उनकी मौत हो गई थी.
मानवाधिकार कार्यकर्ता इस मुठभेड़ को फर्जी बताते रहे हैं. इस बीच यह भी खबरें आईं हैं कि इस मुठभेड़ की सूचना मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को पहले से ही थी.