सीबीआई ने इशरत जहां मुठभेड़ मामले में आईपीएस से पूछताछ की है जिसमें उन्होंने बताया है कि उन्होंने केवल पुलिस को अलर्ट किया था मुठभेर करने को नहीं कहा था.
1979 बैच के ये आईपीएस आईबी के विशेष निदेशक सतर के अधिकारी हैं.
गौरतलब है कि 2004 में यह जानकारी मिली थी कि लश्कर-ए-तैयबा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या करने की योजना बना रहा है. इसके बाद खुफिया इनपुट में यह बतायी गयी थी कि अपराधी नीली कार में सफर कर रहे हैं. लेकिन इसी दौरान इशरत जहां की कथित मुठभेर में जान चली गयी. वह भी नीली कार में थीं.
आईपीएस अधिकारी को सीबीआई मुख्यालय बुलाया गया जहां उनसे मोदी की हत्या की कोशिश की संभावना के बारे में मिली जानकारी के बारे में पूछताछ की गई.
हाल ही में हुई पूछताछ के दौरान अधिकारी ने दावा किया कि उनकी जानकारी के मुताबिक इस बारे में मिली सूचना सही थी और 2002 के दंगों के बाद मोदी की जान को खतरा था.
मुठभेड़ के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने स्पष्ट कहा कि जानकारी देने का यह मतलब नहीं है कि पुलिस मुठभेड़ करना शुरू कर दे.
उनके इस बयान से मुठभेर में शामिल पुलिस अधिकारियों की मुश्किलें और बढ़ गयी हैं. मालूम हो कि इशरत जहां मुठभेर मामले में आईपीएस स्तर के दो अधिकारी जेल में हैं. इनमें डीएसपी नरेंद्र अमीन भी शामिल हैं जबकि इससे पहले अदालत ने आईपीएस अधिकारी पी पी पांडेय को अरेस्ट करने का निर्देश दिया था.