इस्राइल की यात्रा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इस्राइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मिलकर एक लेख लिखा है जिसमें बताया गया है कि यह यात्रा अनेक मील के पत्थरों में से पहले पत्थर के रूप में याद की जायेगी.
दोनों प्रधानमंत्रियों ने लिखा है, “हम दोनों के देश जटिल हैं… जिस तरह यौगिक आसनों में ज़मीन की ओर जाना तथा ऊपर उठना एक साथ होता है, इसी तरह दोनों देशों को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है… एक साथ काम कर हम इनमें से कुछ चुनौतियों से पार पा सकते हैं…”
प्रधानमंत्री-द्वय ने लिखा, “हमें पूरा विश्वास है कि आज से 25 साल बाद भारतीय और इस्राइली इस यात्रा को उन बहुत-से ऐतिहासिक मील के पत्थरों में से पहले पत्थर के रूप में याद करेंगे, जिन्हें हमारे लोगों के बीच गहरी मित्रता के बूते हम मिलकर हासिल करेंगे.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह इस्राइल के लिए रवाना हुए हैं, जो किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली इस्राइल यात्रा है. इस तीन-दिवसीय यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा, सुरक्षा, जल प्रबंधन, विज्ञान एवं तकनीक, शिक्षा, कृषि व अन्य कई मुद्दों पर गहन चर्चा होगी.
संयुक्त संपादकीय में दोनों प्रधानमंत्रियों ने आगे लिखा ‘एक दूसरे की पूरक बन सकने वाली क्षमताओं का अद्भुत सम्मिश्रण’ हैं, और जिनके बूते भारत और इस्राइल के बीच मजबूत संबंध स्थापित हुए हैं.
दोनों नेताओं ने आतंकवाद से निपटने पर भी ज़ोर दिया है, जिसकी वजह से दोनों देशों तथा समूचे विश्व में शांति और स्थायित्व को खतरा पैदा हो गया है.
गौरतलब है कि वर्षों तक इस्राइल के साथ कूटनीतिक संबंध भी नहीं थे. लेकिन विगत दशक में दोनों देशों के बीच संबंध बहाल हुए हैं.