साधु यादव के घर से 39 लाख रुपये चोरी होने के बाद राजू नामक जूस विक्रेता ईमानदारी का प्रतीक बन कर उभरा है. सोशल मीडिया में उसके चर्चे हैं पर सच्चाई कुछ और तो नहीं?
विनायक विजेता
राजू नाम का यह वही जूस विक्रेता है जिसे पूर्व सांसद साधु यादव के घर चोरी करने वाले चोरों ने 50 रुपये के बदले 50 हजार रुपये थमाकर चलते बने थे।
38 दिनों तक इस मामले पर चुप्पी साधे राजू अचानक जेंटलमैन तब बन गया जब पुलिस ने चोरों को पकड़ लिया और एक चोर ने राजू को 50 हजार रुपये देने की बात स्वीकार कर ली।
गांधी मैदान में ठेला लगाकर फलों का रस बेचने वाला राजू बुधवार को इन रुपयों में से 35 हजार रुपये एसएसपी के यहां जाकर जमा करा दिया। राजू की ईमानदारी तब दिखती जब वह इस बाबत पूर्व में ही पुलिस को सूचना देता।
कोई भी व्यक्ति चाहे वह कितना बड़ा धन्नासेठ ही क्यों न हो वह किसी को 50 रुपये के बदले 50 हजार नहीं देगा। राजू को जैसे ही 50 रुपये के बदले 50 हजार मिले, वह इसकी सूचना पुलिस को देता तो शायद ये चोर पहले ही पकड़े जा सकते थे पर उसने रुपयों के लालच में ऐसा नहीं किया।
चोरों ने पकड़े जाने के बाद जब पुलिस के सामने राजू को 50 हजार देने की बात उगली तो अचानक राजू की ईमानदारी जागी वह भी इसलिए कि उसे भी पकड़े जाने का भय सताने लगा था।
राजू के लिए सहायता मुहिम
सोशल मीडिया पर हमारे कई वरीय साथी राजू को आर्थिक सहायता करने की मुहिम चला रहे हैं पर इन साथियों के पास शायद ही इसका जवाब हो कि चोरों के पकड़े जाने के पूर्व तक राजू की ईमानदारी कहां थी? कहीं ऐसा तो नहीं कि राजू की दुकान पर 50 रुपये का जूस पीने वाले दोनों चोरों में से किसी की पहचान राजू से पूर्व से रही हो?
सूत्र बताते हैं कि पुलिस राजू को कभी भी हिरासत में लेकर पूछ ताछ भी कर सकती है.