नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर केंद्र और राज्य सरकार में टकराव उत्पन्न होता रहा है। उधर सुरक्षा बल और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ थमने का नाम नहीं ले रही है। आज जुमई जिले में सर्च अभियान के दौरान नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हो गयी। इसमें सीआरपीएफ की 7वीं बटालियन के सेकेंड इंचार्ज एचएन झा मौके पर शहीद हो गए।
वीरेंद्र यादव, बिहार ब्यूरो चीफ
वह एसपी रैंक के अधिकारी थे. उनकी मौत सिर में गोली लगने से हुई। जानकारी के अनुसार, जमुई के खैरा और चरकापत्थर थाना क्षेत्र के लखारी गांव स्थित जंगल में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच करीब साढ़े तीन घंटे तक गोलीबारी हुई।
मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने चार नक्सलियों सहित सात संदिग्धों को पकड़ा है। इनमें से एक जोनल कमेटी कमांडर सिद्धू कोड़ा की पत्नी रीना है। पकड़े गए नक्सलियों के पास से बोल्ट एक्शन राइफल, 12 बोर की बंदूक व पुलिस से लूटे गए पिस्टल भी बरामद हुए हैं। बताया जाता है कि खराब मौसम के सुरक्षा बलों को प्रशासन की ओर से कोई पर्याप्त मदद नहीं मिली और हेलीकॉप्टर भी नहीं मुहैया कराया जा सका।
स्व. झा का परिवार दिल्ली में रहता है। उनका पैतृक गांव धनबाद के गांधी नगर में है। वह अपने पीछे पत्नी वीनू झा, बेटा कीर्ति और शौर्य को छोड़ गए हैं। उनका परिवार दिल्ली से धनबाद पहुंच चुका है।
केंद्र व राज्य में मतभेद
नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर केंद्र और राज्य सरकार में मतभेद उजागर होता रहा है। पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने नक्सलियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की बात कही थी और कठोर कदम उठाने की हिमायत की थी तो बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने उनके प्रस्ताव का विरोध किया था।
उन्होंने कहा था कि नक्सली समस्या का निदान बातचीत से किया जाना चाहिए। लेकिन यह विडंबना ही है कि नक्सलियों के खिलाफ न केंद्र कठोर कार्रवाई कर रहा है और न राज्य सरकार उनसे से बातचीत कर रही है। ऐसे माहौल में मुठभेड़ और खूनी संघर्ष का खेल निरंतर जारी है।