गरीबों और पिछड़ों तक घरेलू रसोई गैस कनेक्शन पहुँचाने के उद्देश्य से शुरू की गयी उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों में 44 फीसदी अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग से हैं। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मई 2016 में शुरू की गयी उज्ज्वला योजना के तहत अब तक तीन करोड़ 36 लाख परिवारों को रसोई गैस के कनेक्शन दिये गये हैं। इनमें 44 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के हैं। उन्होंने कहा कि योजना शुरू किये जाने के एक साल के भीतर कनेक्शन लेने वाले दो करोड़ लाभार्थिंयों में से 80 प्रतिशत ने रिफिल भी कराया है और औसत उपभोग 4.07 सिलिंडर सालाना है जो उत्साहवर्द्धक है। सामान्य उपभोक्ताओं का औसत उपभोग सात सिलिंडर सालाना है।
उज्ज्वला के तहत कनेक्शन के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है जहाँ 63 लाख 80 हजार कनेक्शन दिये गये हैं। पश्चिम बंगाल में 48 लाख 87 हजार, बिहार में 46 लाख 67 हजार, मध्य प्रदेश में 31 लाख 37 हजार और राजस्थान में 25 लाख 13 हजार कनेक्शन दिये गये हैं। इन पाँचों राज्यों को मिलाकर करीब दो करोड़ कनेक्शन दिये जा चुके हैं।
श्री प्रधान ने बताया कि सरकार ने उज्ज्वला योजना का विस्तार करते हुये अनुसूचित जाति एवं जनजाति और अति पिछड़ा वर्ग, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना और अंत्योदय अन्न योजना के सभी लाभार्थियों, जंगलों और द्वीपों में रहने वालों तथा पूर्वोत्तर के चाय बगानों में काम करने वाले सभी परिवारों को इसके दायरे में लाने का फैसला किया है। साथ ही बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा की गयी घोषणा के अनुरूप योजना की समय सीमा 2018-19 से बढ़ाकर 2019-20 और लक्ष्य पाँच करोड़ कनेक्शन से बढ़ाकर आठ करोड़ कनेक्शन कर दिया गया है। इसके लिए पहले आवंटित किये गये आठ हजार करोड़ रुपये के अलावा 4,800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजटीय प्रावधान भी किया गया है। मंत्री ने कहा कि इसके बाद शायद ही कोई गरीब एवं वंचित वर्ग योजना के दायरे से बाहर रहेगा। इसके बावजूद सरकार इस संबंध में गठित अधिकार प्राप्त समिति के सुझावों पर अन्य वर्गों को भी इसमें शामिल करने के लिए तैयार है।