केन्द्र सरकार ने बिहार और झारखंड की वर्षों से लंबित उत्तर कोयल नहर परियोजना के कार्यों को पूरा करने के लिए तकनीकी तथा प्रशासनिक मंजूरी प्रदान कर दी है। बिहार के औरंगाबाद से भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुशील कुमार सिंह ने औरंगाबाद में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सत्तर के दशक में शुरू की गयी इस उत्तर कोयल नहर परियोजना की लागत अब दो हजार तीन सौ बानबे करोड़ रूपये हो गयी है। इसमें इस परियोजना में अब तक हुए कार्यों पर 769 करोड़ रूपये खर्च किये जा चुके हैं जबकि एक हजार छह सौ तेइस करोड़ रूपये अभी खर्च किये जाने हैं।
श्री सिंह ने कहा कि इसमें 854 करोड़ रूपये वनीकरण और जमीन के मुआवजा के तौर पर वन विभाग को दिये जायेंगे और शेष 769 करोड़ रूपये तकनीकी कार्यों, नहर एवं गेट निर्माण और उड़ाही आदि पर खर्च किये जायेंगे। गत 6 मार्च को नई दिल्ली में केन्द्रीय जल आयोग की तकनीकी सलाहकार समिति की हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस परियोजना के लंबित पड़े कार्यों को पूरा करने के लिए तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है।
भाजपा सांसद ने बताया कि अब इस परियोजना को पूरा करने के लिए निविदा निकाली जायेगी और कार्य का शुभारंभ किया जायेगा। परियोजना का कार्य अब केन्द्रीय एजेंसी से कराने का फैसला केन्द्र सरकार ने लिया है और निविदा प्रक्रिया के बाद दो से तीन माह में कार्य शुरू हो जाने की पूरी संभावना है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के पूरा हो जाने से बिहार और झारखंड की एक लाख 24 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी तथा पचीस लाख से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा । परियोजना के बनने से अति पिछड़े, असिंचित तथा नक्सल प्रभावित इस इलाके में हरियाली और खुशहाली आयेगी।