नेपाल समेत उत्तर बिहार के अधिकतर जिलों में जारी मूसलाधार बारिश के कारण नदियों में उफान से पश्चिम चंपारण ,  सहरसा और मधुबनी समेत कई जिलों के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गये हैं और लोग ऊंचे स्थानों पर पलायन को मजबूर हैं।ATT00872

 
केन्द्रीय जल आयोग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार गंगा, बूढ़ी गंडक,  बागमती, कोसी एवं महानंदा समेत कई नदियों के जलस्तर में एक या एक से अधिक स्थानों पर वृद्धि जारी है। अगले 24 घंटे में इन नदियों के जलस्तर में अधिकतर जगहों पर वृद्धि का अनुमान है। गंगा पटना के दीघाघाट , गांधीघाट और हाथीदह में खतरे के निशान से एक इंच से कम के फासले से बह रही है। पटना के दीघाघाट में गंगा का जलस्तर 49.58 है जबकि खतरे का निशान 50.45 है, वहीं गांधीघाट और हाथीदह में यह क्रमश: खतरे के लाल निशान 48.60 और 41.76 के स्थान पर 48.52 एवं 41.30 के मामूली अंतर से नीचे है। वहीं भागलपुर के कहलगांव में यह खतरे के निशान से उपर है।
 

सहरसा से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में पिछले पांच दिनों से हो रही भारी वर्षा के कारण कोसी नदी का जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है जिससे कई गांवों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। वृद्धि के कारण कोसी बराज में दो लाख छह हजार क्यूसेक पानी रिकार्ड किया गया है जिसके चलते बराज के 56 में से 24 फाटकों को खोल दिया गया है। उन्होंने बताया कि कोसी नदी के 12 तटबंध स्परों पर पानी का दवाब बढ़ गया है जहां विभाग के अभियंता लगातार नजर रख रहे है और वहां सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किये गये है।बराज से पूर्वी कोसी कैनाल में दस हजार क्यूसेक और पश्चिमी कोसी कैनाल में ढाई हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427