सुप्रीम कोर्ट ने जदयू से बर्खास्त किए गए चार विधायकों की विधानसभा में सदस्यता बहाल कर दी है। मंगलवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने विधायकी समाप्त करने संबंधी पटना हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले पर स्टे लगा दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को जदयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। कोर्ट के इस फैसले के बाद ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, रविंद्र राय, राहुल कुमार और नीरज बबलू का विधानसभा के मानसून सत्र में शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है। जदयू की ओर से दिग्गज वकील व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और सलमान खुर्शीद समेत पांच वकील मौजूद थे।
राज्यसभा चुनाव में दलविरोधी गतिविधियों की वजह से जदयू ने चारों विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा के स्पीकर उदय नारायण चौधरी को आवेदन दिया था। लंबी सुनवाई के बाद स्पीकर ने चारों को बर्खास्त कर दिया था। इस पर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने भी अपनी मुहर लगा दी थी। इसी के बाद बर्खास्त विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन पराजित नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर हमें तरह-तरह से परेशान किया गया, लेकिन आखिर में न्याय की जीत हुई।
इस बीच रवींद्र राय ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विधानसभा के स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने मिल कर लोकतंत्र का गला घोंटा। सुप्रीम कोर्ट पर हमें पूरा भरोसा था। हमें वहां से न्याय मिला। संवैधानिक पद पर बैठे लोगों से न्याय की उम्मीद की जाती है, लेकिन स्पीकर ने सिर्फ मुख्यमंत्री के आदेशपाल की तरह काम किया। जो अधिकार उन्हें नहीं है, वह काम भी किया।